गौरतलब है कि निगम में कांग्रेस के तीन व वाम मोरचा के 15 पार्षद हैं. ऐसे में किसी प्रस्ताव को निगम के समक्ष पेश करने में वामो व कांग्रेस पार्षदों के पसीने छूट रहे हैं. आलम यह है कि इन्हें किसी प्रस्ताव का विरोध करने का भी मौका नहीं दिया जाता है. सोमवार को ऐसा ही नजारा निगम के मासिक अधिवेशन में देखने को मिला. दरअसल कांग्रेस पार्षद प्रकाश उपाध्याय अवैध रूप से तालाबों को भरे जाने का एक प्रस्ताव निगम के पटल पर रखना चा रहे थे.
उन्होंने जैसे ही बोलना शुरू किया, तृणमूल पार्षदों ने उनका विरोध करना शुरू कर दिया. श्री उपाध्यय ने कहा कि 29 नंबर वार्ड व एमजी रोड इलाके में अवैध रूप से तालाब भरे गये हैं. श्री उपाध्याय ने जोर देते हुए कहा कि जहां एक ओर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तालाबों के संरक्षण की बात कर रही हैं वहीं महानगर में तालाबों को अवैध रूप से भरा जा रहा है. उन्होंने उदाहरण में साल्टलेक का जिक्र किया. इसके बाद ही विरोध शुरू हो गया. अंत में निगम की चेयरमैन माला राय ने श्री उपाध्याय को बीच में ही रुकने को कहा.
चेयरमैन ने उन्हें यह चेतावनी भी दी कि वह अगर बोलना बंद नहीं करते हैं तो माइक की आवाज बंद कर दी जायेगी. इसके बाद जैसे-तैसे मामला शांत हुआ और प्रकाश अपने प्रस्ताव को रख सके. उन्होंने कहा कि बोरो के अंतर्गत 29 नंबर वार्ड में तालाब को भरा गया है. स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज किये जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही है. ऐसे में निगम को इस विषय पर ध्यान देना चाहिए.
इस घटना के बाद गुस्साये प्रकाश उपाध्याय ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि निगम में माला राय उनके साथ शौतेला व्यवहार कर रही हैं. उन्होंने चेयरमैन पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब से माला राय कांग्रेस छोड़ कर तृणमूल में शामिल हुई हैं तब से उनका व्यवहार उनके प्रति बदल गया है. उन्होंने कहा कि इस घटना को लेकर वे प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर चौधरी से भी बात करेंगे. उन्होंने कहा कि माला राय के इस्तीफे की मांग को लेकर पार्टी में चर्चा के बाद मेयर शोभन चटर्जी का घेराव किया जायेगा. वे इस घटना को लेकर इसी सप्ताह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलेंगे.