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भारत-बांग्लादेश सीमा पर लगे बाड़ : बीएसएफ

कोलकाता : रत-बांग्लादेश सीमा पर आतंकियों के घुसपैठ के मद्देनजर बीएसएफ ने बंगाल सरकार के समक्ष एक प्रस्ताव पेश किया है. इसके तहत बीएसएफ ने अत्यधिक संवेदनशील 81.7 किलोमीटर लंबी सीमा पर तात्कालिक आधार पर बाड़ लगाने के लिए जमीन की जरूरत पर बल दिया है. अंतरराष्ट्रीय भारत-बांग्लादेश सीमा पर बाड़ लगाने का मुद्दा पिछले […]

कोलकाता : रत-बांग्लादेश सीमा पर आतंकियों के घुसपैठ के मद्देनजर बीएसएफ ने बंगाल सरकार के समक्ष एक प्रस्ताव पेश किया है. इसके तहत बीएसएफ ने अत्यधिक संवेदनशील 81.7 किलोमीटर लंबी सीमा पर तात्कालिक आधार पर बाड़ लगाने के लिए जमीन की जरूरत पर बल दिया है.
अंतरराष्ट्रीय भारत-बांग्लादेश सीमा पर बाड़ लगाने का मुद्दा पिछले कई वर्षों से ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है. पिछले दिनों बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हुए आतंकी हमले की घटना एवं विभिन्न खुफिया जानकारी के बाद यह मुद्दा फिर से उठाया गया. खुफिया जानकारी के अनुसार भारत-बांग्लादेश सीमा बड़ी तेजी से आतंकवादियों एवं पशु तस्करों के ट्रांजिट प्वायंट का रूप लेता जा रहा है. साउथ बंगाल फ्रंटियर बीएसएफ के आइजी संदीप सालुंके ने कहा कि भूमि को चिह्नित करने एवं उसके सर्वेक्षण का काम 2009 में ही कर लिया गया था.
पर हाल में राज्य सरकार ने दक्षिण बंगाल फ्रंटियर में हमें जरूरी जमीन के बारे में विस्तृत प्रस्ताव की मांग की . हम लोगों ने राज्य सरकार को विस्तृत रिपोर्ट दे कर यह बता दिया है कि हमें कितनी जमीन आैर अन्य बुनियादी चीजों की जरूरत है. बीएसएफ ने 81.7 किलोमीटर सीमा पर बाड़ लगाने के लिए बगैर किसी देरी के उत्तर 24 परगना, नदिया एवं मुर्शिदाबाद जिले में जरूरी जमीन के प्लॉट के बारे में रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि साउथ बंगाल फ्रंटियर में 915 किलोमीटर लंबी सीमा में से केवल 371 किलोमीटर सीमा पर ही बाड़ है.
हम लोगों ने फौरन 81.7 किलोमीटर सीमा पर बाड़ लगाने का प्रस्ताव भेजा है. यह इलाके अत्यंत संवेदनशील हैं. बाड़ लगाने से सीमा पर गश्त करने में सहूलियत होगी. राज्य सरकार के सूत्रों के अनुसार बीएसएफ ने यह रिपोर्ट मुख्य सचिव एवं गृह सचिव को दी है.
जमीन सर्वेक्षण का काम आरंभ भी हो चुका है. राज्य गृह विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि हम लोगों को बीएसएफ से एक रिपोर्ट मिली है. राज्य की भूमि नीति के अंतर्गत गठित भूमि खरीद कमेटी इस मुद्दे को देखेगी. जमीन के लिए बीएसएफ को भुगतान करना होगा आैर यह केवल बीएसएफ के लिए पंजीकृत किया जायेगा. भूमि के सर्वेक्षण की प्रक्रिया युद्धस्तर पर आरंभ हो चुकी है. यह प्रक्रिया जल्द पूरी हो जायेगी.

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