अधीर रंजन चौधरी और अब्दुल मन्नान ने उनका साथ देने का दावा किया है. इससे पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी ने मानस पर लगाये गये आरोप को तृणमूल की राजनीतिक साजिश करार दिया था. इस मुद्दे पर कांग्रेस की ओर से राज्यपाल को ज्ञापन देने की घोषणा पर मानस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट हॉल में भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में श्री भुइंया ने संवाददाताओं से कहा कि संबंग की घटना नौ अप्रैल को हुई थी. आज नौ अगस्त है.
चार महीने गुजर गये. इस बीच कांग्रेस ने मेरे लिए कुछ नहीं किया. मेरे खिलाफ चार गैरजमानती मामले दर्ज किये गये हैं. इस बीच विधानसभा चल रही थी. तब अब्दुल मन्नान ने मेरे मामले पर वाकटआउट नहीं किया. लेकिन जब मेरा नाम बतौर पीएसी चेयरमैन घोषित हुआ तब जरूर वाकआउट किया गया. राजधानी और दूरंतो ट्रेन की एक टाइमिंग होती है. टाइम पर न चढ़े तो ट्रेन छूट जाती है. राज्यपाल के पास 12 अगस्त को कांग्रेस नेताओं द्वारा शिकायत किये जाने के संबध में उन्होंने कहा : राज्यपाल संवैधानिक प्रमुख हैं. लेकिन वह राज्य के कार्यकारी अधिकारी नहीं. प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व उनके पास जा सकता है लेकिन चार महीने लग गये इस फैसले पर पहुंचने में. हालांकि कांग्रेस नेतृत्व ने इतना कहा इसके लिए मैं उनका कृतज्ञ हूं.