कोलकाता : सबंग में तृणमूल कार्यकर्ता जयदेव जाना की हत्या के मामले में कांग्रेस विधायक मानस भुईंया सहित आठ आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका को कलकत्ता हाइकोर्ट ने खारिज कर दिया है. न्यायाधीश नादिरा पाथेरिया और न्यायाधीश समाप्ति चटर्जी की खंडपीठ ने याचिका को खारिज किया. उल्लेखनीय है कि पश्चिम मेदिनीपुर में विधानसभा चुनाव के […]
कोलकाता : सबंग में तृणमूल कार्यकर्ता जयदेव जाना की हत्या के मामले में कांग्रेस विधायक मानस भुईंया सहित आठ आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका को कलकत्ता हाइकोर्ट ने खारिज कर दिया है. न्यायाधीश नादिरा पाथेरिया और न्यायाधीश समाप्ति चटर्जी की खंडपीठ ने याचिका को खारिज किया. उल्लेखनीय है कि पश्चिम मेदिनीपुर में विधानसभा चुनाव के ठीक पहले तृणमूल कार्यकर्ता जयदेव जाना को कुछ लोगों ने लाठी से पीटा था.
अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में ही जयदेव की मौत हो गयी थी. अगले दिन जयदेव मेटे नामक एक व्यक्ति ने मानस भुईंया, उनके भाई विकास सहित 21 लोगों के खिलाफ सबंग थाने में हत्या सहित कई मामलों में नामजद करते हुए शिकायत दर्ज करायी थी. इस मामले के आधार पर जिला अदालत ने गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था. इसके बाद ही मानस भुईंया व उनके भाई सहित आठ आरोपियों ने कलकत्ता हाइकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी.
हाइकोर्ट में सुनवाई में याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील शेखर बसु ने कहा कि जिस दिन घटना हुई थी उस दिन मानस भुईंया सहित आठ आरोपी मौके पर ही नहीं थे. उनके मोबाइल टावर की जांच से भी सच्चाई का पता चल जायेगा. इसके अलावा उनके सुरक्षाकर्मियों से भी पूछताछ की जा सकती है.
राजनीतिक बदले का आरोप लगाया गया. शेखर बसु का यह भी कहना था कि जयदेव जाना की जब हत्या हुई थी उसी वक्त सबंग में शुभंकर करण नामक एक अन्य व्यक्ति व उसके परिजनों पर हमले की घटना हुई. इस घटना में जयदेव मेटे व बबलु मंडल के नाम पर एफआइआर की गयी. लिहाजा जयदेव जाना की हत्या के वक्त जयदेव मेटे कैसे घटनास्थल पर मौजूद हो सकते हैं. यह राजनीतिक बदले के कारण किया गया है. सरकारी वकील मनजीत सिंह ने अदालत में केस डायरी को पेश किया. अदालत ने केस डायरी व घटना की गंभीरता पर ध्यान देते हुए आठों याचिकाकर्ताअों की जमानत याचिका को नामंजूर कर दिया. इधर सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक फैसले के खिलाफ मानस भुईंया सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सकते हैं.