कोलकाता : कलकत्ता हाईकोर्ट ने एमपीएस मामले में नोडल ऑफिसर नियुक्त नहीं करने पर प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाया है. कलकत्ता हाइकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर एवं न्यायाधीश जयमाल्य बागची की खंडपीठ ने प्रशासन की भूमिका को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया. जस्टिस एसपी तालुकदार कमेटी के मुताबिक मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ द्वारा दिये गये निर्देश पर वह राज्य के संबंधित विभाग के पास नोडल ऑफिसर नियुक्त करने के लिए पहुंचे थे.
लेकिन उनके अनुरोध को दरकिनार कर दिया गया है. लिहाजा ऐसी स्थिति में कमेटी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह करने में असमर्थ है और कमेटी का उद्देश्य भी पूरा नहीं हो सकेगा. मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ का कहना था कि यदि प्रशासन निर्देश को नहीं मानता तो इससे क्या लाभ हासिल हो सकता है? सरकार क्या इस मामले में इतनी ही गंभीर है? सरकार का रवैया बेहद गलत है.
क्या इस मामले में मुख्य सचिव को बुलाकर सवाल किया जाये? अदालत ने निर्देश दिया है कि आगामी चार अगस्त को वित्त विभाग के प्रधान सचिव अदालत में सशरीर हाजिर होंगे. इधर चिटफंड मामले में मुख्य न्यायाधीश की ओर से एक विशेष बेंच का गठन किया जायेगा. इसमें न्यायाधीश अनिरुद्ध बोस और न्यायाधीश जयमाल्य बागची रहेंगे.