सरकार चाहती है कि निजी कंपनियां बीज उद्योग में निवेश करें. यही हाल कृषि यंत्रों का है. तकनीक के इस जमाने में कृषि क्षेत्र में काफी बदलाव आया है. नयी मशीनों का इस्तेमाल होने लगा है, पर अफसोस की बात है कि कृषि के काम में इस्तेमाल होने वाले यंत्र हमें दूसरे राज्यों से मंगाना पड़ता है. इस स्थिति को बदलना होगा. हम लोगों ने हाल ही में एक कस्टम हाइरिंग सिस्टम आरंभ किया है, जिसके तहत किराये पर यंत्र उपलब्ध कराये जाते हैं. पर यह कोई स्थायी समाधान नहीं है. उद्योग जगत से हमारा यह आह्वान है कि वह महत्वाकांक्षी परियोजनाएं शुरू करे. सरकार हर तरह की मदद के लिए तैयार है.
कृषि क्षेत्र में मुख्यमंत्री के सलाहकार डॉ. प्रदीप कुमार मजुमदार ने कहा कि सरकार राज्य को सभी प्रकार के खाद्यान्न के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही है. इससे किसानों की आमदनी भी बढ़ी है. राज्य के 75 प्रतिशत किसानों की वार्षिक आमदनी पहले केवल 69 हजार थी, जो अब बढ़ कर एक लाख 69 हजार रुपये हो गयी है. उत्पादन को बेहतर बनाने के लिए केवल जांचा- परखा आैर प्रमाणित बीच ही किसानों को उपलब्ध कराया जाये.