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स्कूल के सामने से शिक्षिका का अपहरण
कोलकाता : दिन की शुरुआत के साथ शुक्रवार सुबह महानगर के एक स्कूल के सामने से एक शिक्षिका का अपहरण कर कार में चार बदमाश फरार हो गये. घटना टॉलीगंज इलाके के साउदर्न एवेन्यू में स्थित कालीधन इंस्टिट्यूट के सामने सुबह तकरीबन सात बजे के करीब की है. अपहृत शिक्षिका का नाम नंदिता घोष (52) […]
कोलकाता : दिन की शुरुआत के साथ शुक्रवार सुबह महानगर के एक स्कूल के सामने से एक शिक्षिका का अपहरण कर कार में चार बदमाश फरार हो गये. घटना टॉलीगंज इलाके के साउदर्न एवेन्यू में स्थित कालीधन इंस्टिट्यूट के सामने सुबह तकरीबन सात बजे के करीब की है. अपहृत शिक्षिका का नाम नंदिता घोष (52) है. वह मानिकतल्ला इलाके की रहनेवाली है और इसी स्कूल में पढ़ाती है. अपहरण की घटना के सामने आने के बाद से स्कूल के अन्य शिक्षकों के अलावा छात्र-छात्राओं में दहशत व्याप्त हो गयी थी. लिहाजा स्कूल की प्रिंसिपल की ओर से टॉलीगंज थाने में अपहरण की शिकायत दर्ज करायी गयी. मामले की जांच में पुलिस जब उतरी तो कुछ और ही सच्चाई सामने आयी. नंदिता कहां है, इसका भी पता चल गया.
इसके बाद दक्षिण 24 परगना के सोनारपुर से उसे एक घर से सुरक्षित ढूंढ निकाला गया. उसके अपहरण के आरोप में पुलिस ने प्रसेनजीत राय (26), अर्पिता कोले (33) और तनुश्री पाल (27) नामक दो महिला समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया. इस मामले में अमित पाल नामक एक केबल ऑपरेटर से पुलिस पूछताछ कर रही है.
जांच में क्या हुआ खुलासा
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, शिकायत में स्कूल की प्रिंसिपल ने बताया कि उनकी स्कूल की शिक्षिका नंदिता घोष (52) का स्कूल के सामने से अपहरण कर लिया गया है. सुबह जब वह स्कूल में प्रवेश कर रही थी, तभी एक कार में कुछ बदमाशों ने उनका अपहरण कर लिया और अपने साथ ले गये. शिकायत के बाद टॉलीगंज थाने की पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि सोनारपुर में रहनेवाले अमित पाल की बहन अर्पिता कोले के बेटे को नौकरी दिलाने के लिए नंदिता ने उससे 1.5 लाख रुपये लिये थे. नौकरी नहीं दिलवा पाने के बाद रुपये वापस करने का दवाब नंदिता पर बनाया जा रहा था. इसी बीच किस्तों में ब्याज के अलावा नंदिता ने अर्पिता को 80 हजार रुपये लौटा दिये थे. बाकी बचे 70 हजार रुपये देने के लिए उस पर दबाव बनाया जा रहा था.
समझौता करने गयी थी, अपहरण की दर्ज हुई शिकायत
जांच में पता चला कि अर्पिता कोले के परिवार में किसी की तबीयत काफी ज्यादा खराब हो जाने के कारण नंदिता से 70 हजार रुपये बकाया रकम मांगे जा रहे थे. उसी के मामले में समझौता करने के लिए वह कार में सोनारपुर गयी थी, लेकिन अपहरण की शिकायत दर्ज होने के कारण पुलिस ने सोनारपुर से कानूनी तौर पर नंदिता को रिहा कराया. इसके बाद उन्हें स्कूल में सकुशल ले जाया गया.
कई बैंक से भी मोटी रकम लेने का आरोप
जांच में पुलिस को पता चला कि शिक्षिका नंदिता ने कई बैंकों से भी मोटी रकम लोन के तौर पर ले रखी थी. इसके कारण बैंकों से कई बार रिकवरी एजेंट भी स्कूल में उनके पास रुपये वसूली के लिए आया करते थे. यही नहीं, स्कूल में भी दो वर्ष पहले नंदिता ने अंदरूनी कागजात जाली कर कुछ हेराफेरी की थी. इसके कारण उन्हें स्कूल की तरफ से चेतावनी भी मिली थी. शुक्रवार को इस तरह की घटना घटी.
पूरे मामले में कोलकाता पुलिस के संयुक्त पुलिस आयुक्त (एसटीएफ) विशाल गर्ग ने बताया कि अपहरण की घटना से लेकर इसके बाद जांच में जो सामने आया, सभी पहलुओं की जांच हो रही है. अपहरण की शिकायत में अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. जांच में नंदिता के खिलाफ सबूत मिले तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई करने के लिए पुलिस को बाध्य होना पड़ेगा.
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