चक्रवात के प्रकोप से बचाने के लिए राज्य सरकार उत्तर 24 परगना के तटीय इलाकों में 45 साइक्लोन शेल्टर तैयार करेगी. जहां चक्रवात की चेतावनी मिलते ही तटीय इलाकों के लोग इस शेल्टर में आश्रय ले सकेंगे. केवल चक्रवात ही नहीं, बाढ़ की स्थिति में भी लोग इस शेल्टर में आश्रय हासिल कर पायेंगे. नेशनल साइक्लोन रिस्क मिटिगेशन प्रोजेक्ट के अंतर्गत राज्य आपादा प्रबंधन विभाग द्वारा इन साइक्लोन शेल्टर को तैयार किया जायेगा. राज्य के तटीय क्षेत्र के अधिकतर इलाके में चक्रवात की आशंका रहती है. चक्रवात की चपेट में अब तक राज्य में काफी जान-माल का नुकसान हो चुका है. उत्तर 24 परगना के हासनाबाद, हिंगलगंज, संदेशखाली 1 व 2 और मिनाखां तटवर्ती पांच ब्लॉक चक्रवात प्रभावित इलाके हैं, इसलिए मानसून आते ही यहां के लोग खौफ के साये में रहते हैं.
एक तरफ नदी बांध टूटने का खतरा, तो दूसरी आेर चक्रवात का भय लोगों की नींद हराम कर देता है. इसलिए राज्य सरकार लगभग चार करोड़ रुपये खर्च कर 45 साइक्लोन शेल्टर तैयार करेगी. प्रत्येक शेल्टर में 1500 लोग आश्रय ले सकेंगे. इन शेल्टरों को जमीन से 12 फीट ऊपर बनाया जायेगा ताकि इनमें पानी घुसने का खतरा नहीं हो. प्रत्येक शेल्टर तीन मंजिला होगा. प्रथम मंजिल में जानवरों को रखने की व्यवस्था रहेगी.
दूसरी मंजिल पर महिलाआें आैर बच्चों को रखने का इंतजाम किया जायेगा. तीसरी मंजिल पर पुरुष रहेंगे. प्रत्येक शेल्टर में जनरेटर, पेयजल व खाने की व्यवस्था रहेगी. शेल्टर में शौचालय की व्यवस्था भी की जायेगी. प्राथमिक चिकित्सा का भी इंतजाम रहेगा. जानकारी के मुताबिक हिंगलगंज, संदेशखाली एक व दो ब्लॉक में 12-12 शेल्टर तैयार किया जायेगा. हासनाबाद में पांच व मिनाखां में चार शेल्टर बनाने की योजना होगी. इनमें से 20 शेल्टर केंद्र सरकार तैयार करवा रही है, जिनमें से 12 का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है.जबकि आठ में काम चल रहा है.