उन्होंने कहा कि दस दिनों के भीतर विमान में उनकी मुलाकात रचना के साथ हुई थी तथा उन्होंने उनसे शादी करने की ठान ली थी. उन्होंने स्वीकार किया कि जब उन्होंने रचना के सामने अपने प्यार का इजहार किया तो उसने कहा था कि उनके प्रति उसकी चाहत मात्र 12 फीसदी है. उसी समय उन्होंने कहा था कि इस 12 फीसदी चाहत को सौ फीसदी चाहत बदलने में उन्हें मात्र 40 दिन लगेंगे. उन्हें अपने प्यार पर पूरा विश्वास था. उन्होंने कहा कि इस चुनौती को उन्होंने पूरा कर दिखाया. रचना के व्यक्तित्व के बारे में उन्होंने कहा कि उसकी विशिष्टता उसकी सादगी है. उनके कम्प्लेक्स जीवन में इस सादगी का सर्वाधिक महत्व हैं.
बस दिल में इक चमक सी उठी और दिल ने कहा कि ‘यही है राइट च्वाइस’. उन्होंने कहा कि सादे समारोह में उनकी शादी होगी. बंगाल की मीठी दही के घोल में पंजाब की लस्सी मिलायी जायेगी. पहली व दूसरी शादी के बीच तुलना करने से इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों की तुलना न करना ही श्रेयस्कर है. वैसे भी दो अलग-अलग फिल्मों की अलग-अलग स्क्रिप्ट होती है. दोनों की तुलना नहीं की जानी चाहिए. मंत्री बनने के बाद शादी करने से इमेज को लगनेवाले संभावित झटके को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि पहले भी मंत्रियों ने शादी की है. वैसे भी उन्हें चुनौती लेना पसंद है. यदि किसी परेशानी के कारण कोई फैसला नहीं लिया तो जीवन ही समाप्त हो जायेगा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उन्होंने इस शादी की अनुमति ले ली है. उन्होंने कहा कि यह खबर सुन कर श्री मोदी कुछ समय के लिए चकित हो गये. बाद में परिवार के संबंध में कुछ जानकारी ली. इसके बाद शादी की पूर्व शुभकामनाएं दी.
उन्होंने कहा कि वे व्यक्तिगत रूप से मुख्यमंत्री सुश्री बनर्जी को शादी का आमंत्रण देंगे. लेकिन तोहफे के रूप में झालमुड़ी न मांग कर आसनसोल जिला मांगेंगे. विधानसभा चुनाव के रिजल्ट को देखते हुए वर्ष 2019 के संसदीय चुनाव में उन्हें कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि शादी के बाद क्षेत्र के विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता मे ं कोई कमी नहीं आयेगी. उन्होंने कहा कि वैसे ही वे अधिकांश समय अकेले ही बिताते हैं. हर व्यक्ति के अपने-अपने विचार होते हैं. वैसे भी वे बड़े परिवार के हिमायती है. इससे उनके कामकाज पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.