उन्होंने कहा है कि ऐसे लोग, जिनका योगदान वामपंथी आंदोलनों में नहीं है या जो वामपंथी, धर्मनिरपेक्ष व लोकतांत्रिक एकजुटता का विरोध कर रहे हैं, वे अलग रह सकते हैं. विगत बुधवार को माकपा सचिव मंडली की बैठक हुई थी. बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई. सूत्रों के अनुसार, बैठक में वामपंथी आंदोलनों में कांग्रेस की सहभागिता को लेकर भी चर्चा की गयी.
ध्यान रहे कि विगत 25 मई को महानगर में आयोजित एक सभा के दौरान ही माकपा के राज्य सचिव ने वामो-कांग्रेस गंठबंधन जारी रहने की घोषणा कर दी थी. उस सभा मेें उन्होंने कहा था कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर वामपंथी, लोकतांत्रिक व धर्मनिरपेक्ष समर्थक दल एकजुट हुए थे और लोगों के हितों के लिए आगे भी एकजुट रहेंगे. इसमें कांग्रेस भी शामिल है. यानी भावी आंदोलनों में भी कांग्रेस और वामपंथी साथ रहेंगे.