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चुनाव नतीजा : गंठबंधन सबसे बड़ी राजनीतिक भूल

ममता ने वाममोरचा व कांग्रेस को बनाया निशाना, कहा जीत के बाद भावुक ममता ने कहा : मैं लालची नहीं हूं, मातृभूमि से करती हूं बहुत प्यार राज्य में माकपा व राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस को हुई क्षति कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिलने के बाद विरोधी पार्टियों पर कटाक्ष करते हुए मुख्यमंत्री […]

ममता ने वाममोरचा व कांग्रेस को बनाया निशाना, कहा
जीत के बाद भावुक ममता ने कहा : मैं लालची नहीं हूं, मातृभूमि से करती हूं बहुत प्यार
राज्य में माकपा व राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस को हुई क्षति
कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिलने के बाद विरोधी पार्टियों पर कटाक्ष करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि इस विधानसभा चुनाव में वाम मोरचा व कांग्रेस का गंठबंधन दोनों पार्टियों की सबसे बड़ी राजनीतिक भूल है. क्योंकि दोनों पार्टियों ने सत्ता के लालच में अपना आदर्श ही खो दिया.
चुनाव के नतीजे यह साबित करते हैं कि लोगों ने इस गंठबंधन को पूरी तरह नकार दिया है. उन्होंने अपने राजनीतिक आदर्श के बारे में बताया कि वर्ष 2004 में तृणमूल कांग्रेस के पास सिर्फ एक सीट थी, लेकिन फिर भी उन्होंने अपने आदर्शों से कभी समझौता नहीं किया. इस गंठबंधन से राज्य में माकपा और राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस की क्षति हुई है. दोनों पार्टियों ने जनता के बीच अपनी छवि खराब की है. कांग्रेस को सिर्फ बंगाल ही नहीं, बल्कि असम व केरल में भी काफी नुकसान हुआ है. कांग्रेस और माकपा के बीच गंठबंधन को बड़ी भूल बताते हुए उन्होंने कहा कि जब विचारधारा खो जाती है, तो सब कुछ खो जाता है.
माकपा केरल में कांग्रेस के साथ कुश्ती कर रही है आैर बंगाल में दोस्ती. यह कहां की नीति है. वह न तो भाजपा के साथ हैं आैर न ही कांग्रेस के साथ हैं. माकपा ने 34 सालों में राज्य में जो किया है, उसकी तो आज के दिन बात करनी ही बेकार है. जनता ने चुनाव में इसका जवाब दे दिया है. ममता ने कहा कि वह भाजपा के साथ नहीं जा सकती हैं, लेकिन नीतीश कुमार व लालू प्रसाद यादव को वह पसंद करती हैं. बिहार पड़ोसी राज्य भी है. अपने शपथ समारोह में वह उनको आमंत्रित भी करेंगी.
सिंगुर के किसानों को उनकी जमीन वापस मिलेगी : ममता
कोलकाता : तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने अपने निवास स्थान, कालीघाट में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि राज्य की जनता ने फिर से उन पर भरोसा जताया है. इसके लिए वे जनता की शुक्रगुजार हैं. सिंगुर का मामला कोर्ट में चल रहा है. नजीते आने के बाद सिंगूर की 400 एकड़ जमीन किसानों को वापस दे देंगी.
सही एक्जिट पोल देने के लिए ममता ने राष्ट्रीय चैनलों की सराहना की. उन्होंने कहा कि बंगाल के कुछ चैनलों ने उनकी छवि धूमिल करने की कोशिश की लेकिन राष्ट्रीय चैनलों ने तथ्यों के साथ सही रिपोर्ट पेश की. एक्जिट पोल में जो दिखाया गया, नतीजे भी वैसे ही आये. इन चैनलों का आभार व्यक्त करती हूं. स्वयं को एलआइपी (लेस इंपॉर्टेंट पर्सन) बताते हुए ममता ने कहा कि वह बहुत छोटी इंसान हैं. उन्हें वीआइपी नहीं कहा जाये, क्योंकि वह हर आम आदमी के साथ हैं. दरअसल, बंगाल में यह मेरी नहीं, मां-माटी-मानुष की जीत है.
जनहित योजनाओं के लिए केंद्र का समर्थन करेगी राज्य सरकार
कोलकाता. केंद्र में भाजपा सरकार के साथ तृणमूल कांग्रेस के समीकरण के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि हमारे बीच वैचारिक मतभेद हैं, लेकिन हम जनता के लिए लाभकारी मुद्दों पर हमेशा केंद्र का समर्थन करेंगे. तृणमूल कांग्रेस ने पहले ही संसद में जीएसटी विधेयक का समर्थन करने की घोषणा की थी और वह अपने वादे पर कायम है.
इससे भले ही राज्य सरकार के राजस्व में कमी आयेगी, लेकिन वह अपना वादा निभाते हुए जीएसटी का समर्थन करेगी. जब ममता बनर्जी से पूछा गया कि क्या वह 2019 के लोकसभा चुनावों में महत्वपूर्ण राष्ट्रीय भूमिका की उम्मीद करती हैं, तो उन्होंने सीधा जवाब नहीं देते हुए खुद को कम महत्वपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि वह अपने आप को इतनी बड़ी नेता नहीं मानती हैं कि वह राष्ट्रीय भूमिका का निर्वाह करेंगी. उन्होंने वह अपने देश और अपनी मातृभूमि को प्यार करती हैं. हालांकि भविष्य में वह भाजपा या कांग्रेस के साथ मिल कर चुनाव लड़ेंगी या नहीं, इस संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि भविष्य में बारे में अभी से कुछ कहना बहुत जल्दबाजी होगी.
लोगों के साथ काम करना चाहती हूं : ममता
कोलकाता : 2019 में पीएम पद की दावेदारी पर सवाल किये जाने पर ममता बनर्जी ने कहा कि वह लालची नहीं हैं. वह लोगों के साथ काम करना पसंद करती हैं. उन्हें अपनी मातृभूमि से बहुत प्यार है. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में जीत के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भावुक हो गयीं. भाजपा के साथ तृणमूल कांग्रेस के रिश्तों के संबंध में उन्होंने कहा कि वह भाजपा की विचारधारा के खिलाफ इसलिए हैं, क्योंकि भाजपा को ‘फूट डालो और शासन करो’ की नीति पसंद है.
हमारी परंपरा है, सारे जहां से अच्छा… कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अपनी जमीन इसलिए गंवानी पड़ी, क्योंकि उसने अपने दोस्तों को भुला दिया है. राजनीति में दोस्तों से जुड़े सवाल पर ममता ने कहा कि उनके बहुत से दोस्त हैं. चंद्रबाबू नायडू, अरविंद केजरीवाल, नीतीश कुमार और लालू. वहीं, सोनिया गांधी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कृपया मुझ पर सोनिया गांधी के बारे में पूछ कर दबाव न डालें.

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