राज्य के 25 प्रतिशत स्कूलों में मिड डे मील का खाना खुले आसमान के नीचे तैयार किया जाता है या फिर क्लासरूम में, जिसके फलस्वरूप छात्रों को कितना पौष्टिक व स्वास्थ्यकर खाना दिया जा रहा है, इसे लेकर सवाल उठना लाजिमी है. नियम के अनुसार, मिड डे मील तैयार करने के लिए अलग से रसोई घर तैयार करना होगा. इसके अलावा कई आैर प्रकार के नियम हैं.
इसके बावजूद विभिन्न स्कूल नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं, यह बात नीति आयोग के पर्यवेक्षण से साफ साबित हो जाता है. स्कूल शिक्षा विभाग ने भी नीति आयोग के इन आरोपों को एक तरह से स्वीकार कर लिया है. स्कूल शिक्षा विभाग का कहना है कि राज्य स्वास्थ्य विभाग के साथ इस मुद्दे पर हम लोग नियमित बैठक करते हैं. पर, यह सही है कि राज्य के बहुत सारे स्कूलों में रसोई घर नहीं हैं. वैसे स्कूल शिक्षा विभाग यह दावा कर रहा है कि राज्य के 88 प्रतिशत स्कूलों में रसोई घर तैयार कर दिये गये हैं. बाकी स्कूलों में भी काम चल रहा है. 2016-17 शिक्षा वर्ष में यह काम पूरा हो जायेगा.