तृणमूल की तमाम कोशिशों के बावजूद मतदाताओं को डराया नहीं जा सकता. लोग पांच वर्षों में तृणमूल कांग्रेस की नीतियों से अवगत हो गये हैं. तृणमूल कांग्रेस हार से भयभीत है. यही वजह है कि चुनावी सभा के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कथित तौर पर पुलिस अधिकारियों को धमकाते भी लोगों ने सुना है. पूर्व मेदिनीपुर में मतदान व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी तृणमूल सांसद शुभेंदू अधिकारी को सौंपी गयी है. आरोप के अनुसार, विगत एक मई की देर रात पासकुड़ा बनमाली कॉलेज में उक्त सांसद ने कई थाना प्रभारियों के साथ बैठक की.
आरोप के अनुसार, बैठक में मतदान और केंद्रीय सुरक्षा बल के जवानों के कार्यों को प्रभावित करने पर चर्चा की गयी. इस संबंध में माकपा की ओर से चुनाव आयोग के समक्ष भी शिकायत की गयी है. शिकायत में कहा गया है कि उस बैठक में पांसकुड़ा, मैना, हल्दिया, मरिषदा और रामनगर थाना प्रभारी शामिल थे. मिश्रा ने कहा कि तृणमूल की मतदान और मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश सफल नहीं होगी. वामपंथी, लोकतांत्रिक व धर्मनिरपेक्ष ताकतों का समर्थक लोग कर रहे हैं. 19 मई को मतगणना के बाद यह साफ हो जायेगा. साथ ही तृणमूल कांग्रेस सत्ता से बेदखल हो जायेगी. माकपा के राज्य सचिव ने चुनाव आयोग से अंतिम चरण का मतदान निष्पक्ष व शांतिपूर्ण तरीके से कराये जाने की मांग एक बार फिर दोहरायी है.