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बड़ाबाजार फ्लाइओवर हादसा: निर्माण कंपनी का प्रमुख अधिकारी गिरफ्तार, प्रोजेक्ट की देखरेख की थी जिम्मेदारी

कोलकाता : गिरीश पार्क में विवेकानंद फ्लाइओवर के ढहने की घटना में कोलकाता पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आइवीआरसीएल कंपनी के एक और अधिकारी को बुधवार सुबह गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार अधिकारी का नाम रंजीत भट्टाचार्य है. वह निर्माण कंपनी के कोलकाता यूनिट के एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट के पद पर कार्यरत हैं. कोलकाता पुलिस के […]

कोलकाता : गिरीश पार्क में विवेकानंद फ्लाइओवर के ढहने की घटना में कोलकाता पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आइवीआरसीएल कंपनी के एक और अधिकारी को बुधवार सुबह गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार अधिकारी का नाम रंजीत भट्टाचार्य है. वह निर्माण कंपनी के कोलकाता यूनिट के एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट के पद पर कार्यरत हैं. कोलकाता पुलिस के संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) देवाशीष बोराल ने बताया कि कोलकाता में इस कंपनी के सभी प्रोजेक्ट की देखरेख की जिम्मेदारी रंजीत की थी.

महानगर में बनने वाले सभी ब्रिज व अन्य प्रोजेक्ट की देखरेख की रिपोर्ट हैदराबाद के अधिकारियों को देने का दायित्व भी उसी का था, लेकिन घटना के बाद गिरफ्तार हैदराबाद के अधिकारियों ने पूछताछ में बताया कि चार महीने से विवेकानंद फ्लाइओवर के निर्माण की रिपोर्ट उन्हें नहीं मिल रही थी. प्रोजेक्ट की पूरी रिपोर्ट नहीं मिलने के कारण इसकी की देखरेख के लिए वह चार महीने से कोलकाता भी नहीं आ पा रहे थे.

जांच में पता चला कि रंजीत निर्माण स्थल का समय-समय पर जायजा लेने में भी लापरवाही बरतते थे. रंजीत के खिलाफ इन सभी आरोप के सामने आने के बाद से पुलिस उसे गिरफ्तार करने के लिए उसके घर में छापेमारी की थी, लेकिन ब्रिज गिरने के बाद उनकी तबीयत खराब होने के कारण उन्हें एक गैर सरकारी अस्पताल में भरती करया गया था. मंगलवार शाम को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद पूछताछ के लिए मामले की जांच कर रहे अधिकारी उन्हें लालबाजार ले गये थे. देर रात तक चली पूछताछ में उसकी लापरवाही सामने आने के बाद बुधवार सुबह उसे गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तार आरोपी को बुधवार को बैंकशाल कोर्ट में पेश किया गया. पुलिस की तरफ से अदालत में रखी गयी दलीलों के बाद मामले की सुनवाई में अदालत ने रंजीत भट्टाचार्य को भी 11 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेजने का निर्देश दिया. इस मामले में कोलकाता पुलिस द्वारा गिरफ्तार अन्य आठ आरोपी भी 11 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में हैं.

आनंदपुर स्थित कंपनी के दफ्तर में छापेमारी कर कई अहम सबूत जुटाये
गिरीश पार्क में विवेकानंद फ्लाइओवर को बनानेवाली कंपनी आइवीआरसीएल के आनंदपुर के दफ्तर में कोलकाता पुलिस ने छापेमारी की. पुलिस ने उक्त दफ्तर से कंपनी के कई अहम कागजात जब्त किये. जांच अधिकारियों का कहना है कि फ्लाइओवर निर्माण कार्य में किस कंपनी को कौन सा टेंडर दिया गया था तथा फ्लाइओवर को बनाने में किस कंपनी की क्या भूमिका थी, इससे संबंधित सभी कागजातों को जब्त किया जा रहा है.

आनंदपुर में कंपनी के बाहरी एक हिस्से में मैटेरियल निर्माण कार्य चलता था, वहां से भी कुछ नमूने संग्रह किये गये है. जांच के सिलसिले में सबूत के तौर पर अदालत में जब्त सबूतों को पेश किया जायेगा.

संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) देवाशीष बोराल ने बताया कि बीडेन स्ट्रीट में कंपनी के एक दफ्तर में छापेमारी कर पहले ही वहां से सबूत इकट्ठे किये जा चुके हैं. बुधवार को आनंदपुर के दफ्तर में छापेमारी कर दिन भर सबूत इकट्ठे किये गये. कसबा के रागडांगा इलाके में स्थित तीसरे दफ्तर में गुरुवार से जांच अभियान शुरू होगा. इस दौरान उस दफ्तर से जांच अधिकारी जरूरी सबूतों को इकट्ठा करेंगे. ज्ञात हो कि 31 मार्च को ही घटना के बाद महानगर में आइवीआरसीएल कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर महानगर स्थित उसके तीनों दफ्तरों को पुलिस ने सील कर दिया था. इसके बाद से वहां जांच अधिकारी छापेमारी कर जांच से संबंधित सबूत जुटाने की कोशिश कर रहे हैं.
निलय रॉय की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही पुलिस
गिरीश पार्क इलाके के विवेकानंद फ्लाइओवर ब्रिज के निर्माण कार्य में लापरवाही बरतने के आरोपी निलय रॉय की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक उसके परिवार के कुछ सदस्यों से पूछताछ कर पुलिस उसका सुराग पाने की कोशिश की जा रही है. लेकिन अब तक उनके हाथ खाली है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक जांच में उन्हें पता चला कि गिरीश पार्क में बने फ्लाइओवर ब्रिज के निर्माण कार्य में लोहे के नट बोल्ट की सेटिंग व पीलर निर्माण कार्य में इस्तेमाल होने वाले लोहे के क्वालिटी की जांच की जिम्मेदारी उसकी थी. लेकिन गणेश टॉकीज मोड़ पर बने पी-40 पीलर के ज्वायंट में लगाये जाने वाले नट बोल्ट की सेटिंग में ही लापरवाही बरती गयी. वहां बनाये गये पिलर में इस्तेमाल होने वाला लोहा काफी निम्म क्वालिटी का था. इन सभी जानकारी के बावजूद निलय ने ना ही निर्माण कार्य को रोका और ना ही इसकी कहीं शिकायत की. इसी से उनके लापरवाही बरतने का मामला स्पष्ट होता है. इसी जानकारी के बाद से पुलिस को उसकी तलाश है, पुलिस का दावा है कि जल्द उसे गिरफ्तार कर लिया जायेगा.

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