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कोलकाता फ्लाइओवर हादसा: निर्माण कंपनी के 5 अधिकारी हिरासत में

वाहनों और रेहड़ी-पटरीवाले विक्रेताओं पर गुरुवार को यहां गिरे एक फ्लाइओवर के मलबे से शुक्रवार को तीन और लोगों के शव बरामद किये गये और मरनेवालों की कुल संख्या 24 पहुंच गयी. इस फ्लाइओवर का निर्माण करनेवाली कंपनी के पांच अधिकारियों को भी हिरासत में लिया गया है. इस घटना में करीब 90 लोग घायल […]

वाहनों और रेहड़ी-पटरीवाले विक्रेताओं पर गुरुवार को यहां गिरे एक फ्लाइओवर के मलबे से शुक्रवार को तीन और लोगों के शव बरामद किये गये और मरनेवालों की कुल संख्या 24 पहुंच गयी. इस फ्लाइओवर का निर्माण करनेवाली कंपनी के पांच अधिकारियों को भी हिरासत में लिया गया है. इस घटना में करीब 90 लोग घायल हुए थे, जिनमें से सात की हालत काफी गंभीर बनी हुई है.
कोलकाता: कोलकाता के बड़ाबाजार में विवेकानंद फ्लाइओवर का निर्माण कर रही कंपनी के पांच अधिकारियों को हिरासत में लिया गया है. गुरुवार को यह फ्लाईओवर वाहनों और फुटपाथ विक्रेताओं पर गिर गया था.
दुर्घटनास्थल का दौरा करनेवाले कोलकाता पुलिस के आयुक्त राजीव कुमार ने संवाददाताओं को बताया : हमने निर्माण कंपनी के कुछ अधिकारियों को हिरासत में ले लिया है. हम उनके खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं. विवेकानंद फ्लाइओवर के पी-40 सी पीलर के कमजोर होने के कारण ही दुर्घटना घटी. फाॅरेंसिक टीम ने शुक्रवार को घटना स्थल का दौरा किया. घटनास्थल पर पहुंची टीम ने नमूनों को एकत्रित किया. फॉरेंसिक टीम के सदस्यों का कहना था कि दुर्घटना के कारण के पीछे पी-40 सी पीलर है. इस पीलर के टूटने के कारण ही दुर्घटना घटी. उल्लेखनीय है कि प्रभात खबर ने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया था कि पीलर कमजोर होने के कारण ही दुर्घटना घटी थी. दूसरी ओर, राइट्स के अधिकारियों ने भी घटनास्थल का दौरा किया. राइट्स के अधिकारी शहरी विकास मंत्रालय को रिपोर्ट देंगे. अधिकारियों का कहना है कि चूंकि दुर्घटनाग्रस्त पुल का एक हिस्सा अभी भी लटका हुआ है. उस लटके हुए हिस्से को कैसे हटाये जाये,ताकि कोई दुर्घटना नहीं हो. उस पर वे लोग विचार कर रहे हैं.
कंपनी के स्थानीय कार्यालय सील
कोलकाता पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 304, 308 और 407 के तहत हैदराबाद स्थित निर्माण कंपनी आईवीआरसीएल के खिलाफ मामला दर्ज किया है और कंपनी के स्थानीय कार्यालय को सील कर दिया है.
मलबा हटाने में लगेगा समय : पुलिस
नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि कल के हादसे में घायल करीब सात व्यक्तियों की ‘हालत बहुत चिंताजनक है.’ कंक्रीट और लोहे की छड़ों समेत मलबे को हटाये जाने के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने बताया : मुख्य क्राॅसिंग (गणेश टॉकिज क्राॅसिंग) पर सफाई पूरी हो गयी है. लेकिन लोहे के छड़ों, लोहे के खंभे, कंक्रीट जैसे शेष मलबे को एक के बाद कर हटाया जायेगा.
अधिकारी ने बताया कि विवेकानंद फ्लाइओवर के केके टैगोर स्ट्रीट की ओर वाले हिस्से पर बना वह लौह स्तंभ जिसपर यह फ्लाईओवर टिका हुआ है, पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है. इस स्तंभ को काटा जायेगा, लेकिन इसके लिए सुनियोजित इंजीनियरिंग योजना की जरूरत है. उन्होंने बताया : फ्लाइओवर के काफी नजदीक कई इमारतें हैं. इसके अलावा यह बहुत बहुत भीड़-भाड़वाला इलाका है. ऐसे में हम फ्लाइओवर के क्षतिग्रस्त हिस्सों को हटाते समय इस बात का ध्यान रखेंगे कि यहां कोई दूसरा हादसा नहीं हो जाये. शहर पुलिस की डीएमजी टीम, कोलकाता ट्रैफिक पुलिस की विशेष टीमों, डीसी सेंट्रल, डीसी साउथ, ओल्ड मिंट कैंप के सीआरपी सहित एनडीआरएफ, सेना के जवान रात भर बचाव अभियान में लगे रहे.
ब्लास्ट से फ्लाइओवर गिरने का शक : कंपनी
कोलकाता. ब्रिज बना रही कंपनी के अफसरों ने कहा कि घटना के पीछे बम ब्लास्ट कारण हो सकता है। इससे पहले कंपनी ने इसे भगवान की मर्जी बताया था। अब तक मरने वालों की संख्या 24 पहुंच गई है.
और शव िमलने की उम्मीद नहीं : सेना
कोलकाता. सेना के अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें यहां फ्लाइओवर गिरने की जगह पर मलबे में कोई और शव मिलने की उम्मीद नहीं है. सेना यहां निकाय अधिकारियों और एनडीआरएफ की टीमों के साथ राहत अभियान में लगी है. सैन्य अधिकारियों ने कहा : अब अभियान का लक्ष्य मलबे को हटाना और सड़क को साफ करना है, ताकि स्थिति सामान्य की जा सके. अब कोई और शव मिलने की उम्मीद नहीं है.
अधीर व सिद्धार्थ ने सरकार को कोसा
कोलकाता. अखिल भारतीय कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी शनिवार को विवेकानंद फ्लाईओवर के दुर्घटनास्थल का दौरा करेंगे. प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने यह जानकारी दी. श्री चौधरी ने कहा कि श्री गांधी जंगलमहल इलाके में चुनाव प्रचार के लिए शनिवार को अा रहे हैं. वह कोलकाता भी आयेंगे और दुर्घटनास्थल का दौरा करेंगे. उन्होंनेे इस दुर्घटना के लिए राज्य सरकार को दोषी करार देते हुए कहा कि वाममोरचा के शासन में यह परियोजना शुरू हुई थी,लेकिन इसका क्रियान्वयन पूरी तरह से वर्तमान सरकार कर रही थी. भाजपा के वरिष्ठ नेता सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि राज्य सरकार इस दुर्घटना से अपना पल्ला झाड़ नहीं सकती. मामले की सीबीअाइ जांच होनी चाहिए. तृणमूल कांग्रेस के सांसद व लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय ने स्वीकार किया कि आम लोग बहुत पहले से ही इस परियोजना को लेकर सवाल खड़ा कर रहे थे. कई बार इस परियोजना की रिमॉडलिंग करने की बात हुई थी. यदि परियोजना की रिमॉडलिंग होती है,तो यह दुर्घटना नहीं घटती. उन्होंने कहा कि चूंकि 40 फीसदी काम हो चुका था तथा परियोजना निर्माण में बड़ी लागत लगी थी. इस कारण परियोजना का रिमॉडलिंग नहीं हो सकी. कुछ विशेषज्ञों ने परियोजना को रद्द की भी सिफारिश की थी.

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