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हिदायत: आयोग ने चुनाव खर्च का सही हिसाब देने की दी हिदायत, कहा गोलमाल करने पर जायेगी सदस्यता

कोलकाता: चुनाव प्रचार के लिए उम्मीदवारों द्वारा किये जानेवाले खर्च व चुनाव आयोग द्वारा तय किये गये खर्च में अंतर होता है और इस अंतर का उम्मीदवार द्वारा सटीक जवाब नहीं मिलने पर निर्वाचित विधायक की सदस्यता तीन साल के लिए रद्द की जा सकती है और इस दौरान वह किसी चुनाव में उम्मीदवार भी […]

कोलकाता: चुनाव प्रचार के लिए उम्मीदवारों द्वारा किये जानेवाले खर्च व चुनाव आयोग द्वारा तय किये गये खर्च में अंतर होता है और इस अंतर का उम्मीदवार द्वारा सटीक जवाब नहीं मिलने पर निर्वाचित विधायक की सदस्यता तीन साल के लिए रद्द की जा सकती है और इस दौरान वह किसी चुनाव में उम्मीदवार भी नहीं बन सकते हैं. चुनाव आयोग के कानून में ऐसा प्रावधान है. यह जानकारी मंगलवार को राज्य के संयुक्त चुनाव अधिकारी दिवेंदु सरकार ने दी.

उन्होंने बताया कि मंगलवार काे राज्य चुनाव अधिकारी ने सभी पार्टियों के नेताओं के साथ बैठक की और उन्हें इलेक्शन एक्सपेंडिचर के नियमों से अवगत कराया. उन्होंने कहा कि सभी उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार पर किये गये खर्च का हिसाब देना अनिवार्य है.

मतदान के पहले कम से कम तीन बार उम्मीदवारों को अपने खर्च का ब्योरा आयोग के समक्ष जमा करना होगा. इसके साथ ही आयोग द्वारा भी खर्च की सूची तैयार की जायेगी. उम्मीदवार व आयोग द्वारा बनाये गये आंकड़े में अगर किसी प्रकार का अंतर होता है, तो उम्मीदवार को इस पर सफाई देनी होगी. उन्होंने कहा कि 50 हजार व उससे अधिक राशि के साथ सफर करनेवाले किसी भी व्यक्ति को रुपये के संबंध में विस्तृत जानकारी रखनी होगी. उनके पास रुपये कहां से आये और वह उनका क्या करेंगे, इसका सटीक जवाब देना होगा.

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