गौरतलब है कि इन जिलों में हमेशा से ही माओवादियों का प्रभाव रहा है, हालांकि पिछले दाे वर्ष में यहां माओवादी गतिविधियां देखने को नहीं मिली है. इससे सटे हुए झारखंड व ओड़िशा में माओवादियों ने विभिन्न घटनाओं को अंजाम दिया है, लेकिन बंगाल इससे अछूता रहा है.
इसके बावजूद राज्य सरकार यहां माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में माओवादियों का दमन करने के लिए विशेष पुलिस फोर्स का गठन करने जा रही है. राज्य के गृह विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, बंगाल में भले ही माआेवादियों की गतिविधियां कम हो गयी हैं, लेकिन बंगाल-ओड़िशा व बंगाल-झारखंड की सीमा पर अभी भी माओवादी सक्रिय है. इसलिए बंगाल को माओवाद के प्रभाव से मुक्त करने के लिए राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है.