अदालत के निर्देश की कॉपी जेल अधीक्षक को दिखाने के बाद जेल सुपर के पास वाले कमरे में सभी को ले जाया गया. इसके बाद मदन मित्रा को भी उसी कमरे में लाया गया. यहां सारधा रियल्टी मामले की जांच अधिकारी के साथ अन्य तीन अधिकारियों की मौजूदगी में मदन मित्रा से तीन पन्ने में दर्ज 25 से ज्या दा सवाल पूछे गये. सीबीआइ सूत्र बताते हैं कि पूर्व मंत्री ने उनके अधिकतर सवालों के जवाब देकर उनकी मदद की.
इन सवालों में कई ऐसे भी थे, जो तृणमूल कांग्रेस के पूर्व महासचि व शंकुदेव पांडा से भी पूछे गये थे. सीबीआइ कुछ सवालों के जवाब को शंकुदेव व मदन से मि ले जवाब से मि लाना चाहती थी. इसके कारण दोनों से कुछ सवाल कॉमन पूछे गये. सीबीआइ सूत्रों के मुताबिक, शंकुदेव ने सीबीआइ दफ्तर में कुछ नये प्रभावशाली लोगों के नाम का खुलासा किया था और कुछ सबूत भी अधिकारियों को सौंपे थे. उन प्रभावशाली लोगों का सारधा व कंपनी प्रमुख सुदीप्त सेन से क्या संबंध थे, इस बारे में मदन से पूछताछ की गयी. कि स तरीके से वे प्रभावशाली इस कंपनी से जुड़े थे और अब तक कुल कि तने रुपये उनके बैंक अकाउंट में जमा कराये गये. मदन मि त्रा कौन-कौन प्रभावशाली को जानते है, जो इस मामले से लाभान्वि त हुए हैं और अब तक सीबीआइ को उनके नाम का पता नहीं है.
बताया जा रहा है कि इन सभी सवालों में से अधिकतर सवालों के जवाब पूर्व मंत्री ने दि ये हैं. सीबीआइ मदन के जवाब की हकीकत का पता लगाने के बाद अगली कार्रवाई करेगी. वहीं, इस दिन सुदीप्त सेन के अत्यं त करीबी शांतनु घोष से भी जेल के अंदर अलग से सीबीआइ अधिकारियों ने पूछताछ की.