कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस से निलंबित विधायक स्वपन कांति घोष ने गुरुवार को राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की. हालांकि वह अगले वर्ष के आरंभ तक विधायक के रूप में अपना काम करते रहेंगे. श्री घोष 21 जनवरी को विधायक पद से इस्तीफा देंगे. विधानसभा परिसर में संवाददाता सम्मेलन में स्वपन कांति घोष ने कहा […]
कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस से निलंबित विधायक स्वपन कांति घोष ने गुरुवार को राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की. हालांकि वह अगले वर्ष के आरंभ तक विधायक के रूप में अपना काम करते रहेंगे. श्री घोष 21 जनवरी को विधायक पद से इस्तीफा देंगे.
विधानसभा परिसर में संवाददाता सम्मेलन में स्वपन कांति घोष ने कहा : बतौर नेता और विधायक अपनी असफलता को देखते हुए मैंने आज राजनीति से संन्यास लेने का फैसला किया है. मैं वह नहीं कर सका, जो विधानसभा क्षेत्र के लोग मुझसे चाहते थे. मुझे लोगोंं का प्यार मिला, लेकिन मेरे कार्यकाल में उन्होंने कोई बदलाव महसूस नहीं किया.
हालांकि उन्होंने कहा कि वह फिलहाल विधायक पद से इस्तीफा नहीं दे रहे हैं. श्री घोष ने कहा : यदि मैं अभी इस्तीफा दे दूंगा, तो मेरे विधानसभा क्षेत्र के लोगों को काम कराने में दिक्कत होगी और उन्हें दूसरे जगहों पर भागना पड़ेगा. मैं किसी भी पार्टी संबंधी गतिविधियों के लिए उपलब्ध नहीं रहूंगा, लेकिन अपने क्षेत्र के विकास के लिए अगले वर्ष तक विधायक के रूप मे काम करता रहूंगा. तृणमूल कांग्रेस शासित सूरी नगरपालिका में पेयजल सहित केंद्रीय योजनाओं के लिए मिली 10.36 करोड़ रुपये की राशि की चोरी के विरोध में प्रदर्शन के बाद पार्टी ने 25 फरवरी को श्री घोष को निलंबित कर दिया था.
यह पूछने पर कि क्या निलंबन के कारण वह राजनीति छोड़ रहे हैं, उन्होंने नकारात्मक उत्तर दिया. उन्होंने कहा : यदि मैं चाहता तो किसी अन्य राजनीतिक दल में शामिल हो सकता था, लेकिन अब मेरा किसी राजनीतिक दल में विश्वास नहीं रहा. उन्होंने कहा कि अब उन्हें राजनीति में अच्छा नहीं लगता. श्री घोष ने कहा : मुझे कुछ मानसिक समस्याएं थीं, और अन्य दिक्कतें जैसे मधुमेह और रक्तचाप है. अब चीजें सही हो जायेंगी. उन्होंने कहा कि वाम मोरचा के शासन से अभी स्थिति में बहुत ज्यादा परिवर्तन नहीं हुआ है. राज्य के लोग अभी भी अपने मौलिक अधिकार से वंचित हो रहे हैं.
उन्होंने इससे बात से खंडन किया कि मुकुल राय व विधायक सिउली साहा के फिर से तृणमूल खेमे में लौटने के कारण ही वह हताश हुए हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है, वह चाहते तो दूसरी पार्टी में भी जा सकते थे. उन्होंने कहा कि वह उन लोगों के साथ खड़ा होना चाहते हैं, जो अभी भी किसी के समक्ष माथा नहीं झुकाते हैं और अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करते. उन्होंने मुकुल राय को अपने निर्णय से अवगत करा दिया था और इस कारण संवाददाता सम्मेलन कर रहे हैं कि अब मुकुल राय भी उन्हें फिर से राजनीति में वापस लौटने का आग्रह नहीं कर पायेंगे.