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शर्बानी राय प्रकरण : सरकारी पक्ष नहीं रखने पर हटायी गयीं
शर्बानी राय प्रकरण पर कानून मंत्री ने दी सफाई, कहा सरकारी वकीलों को अपनी राय नहीं, रखना होगा सरकार का पक्ष कोलकाता : राज्य की कानून राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि पार्क स्ट्रीट दुष्कर्म कांड में बैंकशॉल कोर्ट में सरकारी वकील श्रर्बानी राय द्वारा सरकार का पक्ष नहीं रखने के कारण ही उन्हें […]
शर्बानी राय प्रकरण पर कानून मंत्री ने दी सफाई, कहा
सरकारी वकीलों को अपनी राय नहीं, रखना होगा सरकार का पक्ष
कोलकाता : राज्य की कानून राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि पार्क स्ट्रीट दुष्कर्म कांड में बैंकशॉल कोर्ट में सरकारी वकील श्रर्बानी राय द्वारा सरकार का पक्ष नहीं रखने के कारण ही उन्हें हटाया गया. मंगलवार को विधानसभा में ‘द वेस्ट बंगाल एडवोकेट्स वेलफेयर फंड (एमेंडमेंट) बिल, 2015 पर बहस के दौरान जवाब देते हुए ये बातें कहीं. यह संशोधन विधेयक विधानसभा में ध्वनिमत से पारित हो गया.
इस संशोधन विधेयक के अनुसार इस फंड का लाभ राज्य के साथ-साथ अंडमान निकोबार में प्रैक्टिस कर रहे वकीलों को भी मिलेगा और वकीलों को मिलनेवाली राशि एक हजार रुपये बढ़ा कर दो हजार रुपये कर दी गयी. श्रीमती भट्टाचार्य ने कहा कि पार्क स्ट्रीट दुष्कर्म कांड मामले की विशेष सरकारी वकील को 12 दिसंबर को जारी विभाग के आदेश के अनुसार हटा दिया गया. अब वह किसी भी मामले में विशेष सरकारी वकील नहीं हो पायेंगी.
उन्होंने कहा कि सरकारी वकील का काम सरकार के पक्ष को रखना है. कोई वकील अपने मुवक्किल की ही बात रखता है, लेकिन उक्त सरकारी वकील ने सरकार की बात नहीं रख कर अपने निजी विचार रखे थे. उल्लेखनीय है कि पार्क स्ट्रीट दुष्कर्म मामले में सरकारी वकील ने सर्वोच्च सजा की फरियाद अदालत से नहीं की थी.
वहीं, सारधा चिटफंड मामले में सीबीआइ जांच के खिलाफ फॉरवर्ड ब्लॉक के विधायक अली इमरान रम्ज द्वारा कानून मंत्री द्वारा खुद कानून तोड़े जाने पर सवाल उठाये जाने पर श्रीमती भट्टाचार्य ने कहा कि उन्होंने कभी भी कानून नहीं तोड़ा है. इस मसले पर सवोच्च न्यायालय में याचिका दायर की गयी थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था.
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