हावड़ा: महिलाओं और पुरुषों के माथे पर लगा हरा अबीर व हाथों में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व जोड़ा फूल वाला लहराता झंडा. यह कोई आम नजारा नहीं है, बल्कि 30 साल पुराने हावड़ा नगर निगम पर वामो के बोर्ड के ध्वस्त होने की हकीकत है.
इस बड़ी जीत के बावजूद शहर के किसी भी वार्ड में तृणमूल ने विजय जुलूस नहीं निकाला. जिले के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि हमारी पार्टी के जितने फैसले होते हैं, वह केंद्रीय कमेटी द्वारा तय होते हैं. पुरी तैयारी के बाद विजय जुलूस निकलेगा. पार्टी द्वारा विजय जुलूस भले ही नहीं निकाला गया, लेकिन उत्साहित कार्यकर्ताओं में जीत का उल्लास साफ देखा जा सकता था. ज्यों-ज्यों परिणाम आ रहा था. कार्यकर्ताओं के नाचने व झूमने का सिलसिला तेज होता जा रहा था. वैसे तो सभी राजनीतिक दलों के विजयी प्रत्याशी द्वारा जश्न की तैयारी करते देखा गया, लेकिन तृणमूल खेमा में जश्न का खुमार ज्यादा देखा गया. 10 नंबर वार्ड के तृणमूल प्रत्याशी मंजित रफेलकी जीत पर उनके समर्थकों ने इलाके को लोगों का मुंह मीठा कराया. इसी वार्ड के अध्यक्ष सुभाष रफेल ने कहा कि यह विजय मां-माटी-मानुष की विजय है. उत्तर हावड़ा तृणमूल कांग्रेस के सचिव उमेश सिंह ने बताया कि वार्ड 10 में हमारी प्रत्याशी मंजित रफेल की विजय पर 50 किलो चिकन का ऑर्डर बुक कराया गया है. हमारे कार्यकर्ताओं ने चुनाव की तैयारी में जी-तोड़ मेहनत की. रात-रात भर जाग कर इलाके में पोस्टर व बैनर लगाये. निगम चुनाव में विजयी उम्मीदवार जहां विजय जश्न की तैयारी में जुटे हैं, वहीं इन दिनों चिकेन विक्रेताओं की भी चांदी हो गयी है.
कई चिकेन विक्रेताओं ने ऑर्डर की अधिकता के कारण अब नया ऑर्डर लेना बंद कर दिया है. बैरागी पाड़ा स्थित एक चिकन दुकानदार ने बताया कि एक महीने से बाजार काफी अच्छा जा रहा है, लेकिन इन तीन दिनों के अंदर (शनिवार, रविवार और सोमवार) चिकन का ऑर्डर ज्यादा मिला है. किसी ने भी 50 किलों से कम का ऑर्डर नहीं दिया है. ऑर्डर देनेवाले ज्यादातर राजनीतिक पार्टी से जुड़े लोग हैं.