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राज्य परिषद का मिले दर्जा

– त्रिपक्षीय बैठक में गोजमुमो की केंद्र व राज्य सरकार से मांग – दाजिर्लिंग को बीआरजीएफ क्षेत्र में शामिल करने की मांग – जीटीए को दिया उत्तर पूर्व राज्य काउंसिल की भांति दर्जा कोलकाता : दाजिर्लिंग क्षेत्र के विकास के लिए गोरखा जनमुक्ति मोरचा (गोजमुमो) की ओर से इस क्षेत्र को बैकवर्ड रिजंस ग्रांट फंड […]

– त्रिपक्षीय बैठक में गोजमुमो की केंद्र व राज्य सरकार से मांग

– दाजिर्लिंग को बीआरजीएफ क्षेत्र में शामिल करने की मांग

– जीटीए को दिया उत्तर पूर्व राज्य काउंसिल की भांति दर्जा

कोलकाता : दाजिर्लिंग क्षेत्र के विकास के लिए गोरखा जनमुक्ति मोरचा (गोजमुमो) की ओर से इस क्षेत्र को बैकवर्ड रिजंस ग्रांट फंड (बीआरजीएफ) में शामिल करने की मांग की गयी है.

गुरुवार को नवान्न भवन में जीटीए को लेकर त्रिपक्षीय बैठक हुई. बैठक के बाद मोरचा के महासचिव रोशन गिरि ने संवाददाताओं को बताया कि जीटीए के तहत मिलनेवाली राशि यहां के लिए पर्याप्त नहीं है, इसलिए इसमें बढ़ोतरी करना जरूरी है.

उन्होंने उत्तर-पूर्व राज्य काउंसिल की तरह जीटीए को भी दर्जा देने की मांग की, ताकि यहां के विकास के लिए अधिक राशि प्राप्त हो सके. मोरचा की ओर से यहां त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था शुरू करने का प्रस्ताव भी पेश किया.

साथ ही दाजिर्लिंग को हिल स्टेशन के रूप में घोषित करने का प्रस्ताव पेश किया गया. यहां के लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए मोरचा की ओर से सेना व पारा मिलेटरी फोर्स में भरती के लिए विशेष अभियान चलाने की मांग की गयी. उनकी इन मांगों पर केंद्र व राज्य सरकार ने विचार करने का आश्वासन दिया है.

मोरचा के सदस्यों की गिरफ्तारी को लेकर भी गोजमुमो नेताओं ने नाराजगी व्यक्त की और जीटीए सदस्यों पर लगे आरोपों को वापस लेने की मांग की. मोरचा की ओर से जीटीए के अंतर्गत के गोरखा समुदाय के लोगों के अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग की गयी है, ताकि यहां के लोगों को अधिक से अधिक सुविधाएं प्राप्त हो सकें.

दाजिर्लिंग में केंद्रीय विवि बनाने की मांग

इस मौके पर मोरचा के महासचिव रोशन गिरि ने दाजिर्लिंग में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने का प्रस्ताव पेश किया. राज्य सरकार ने इसे केंद्र को भेज भी दिया है. इस विश्वविद्यालय के लिए जमीन की पहचान हो चुकी है. इसके अलावा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के लिए भी अलग से जमीन देखी गयी है. उन्होंने बताया कि बैठक काफी सौहार्दपूर्ण रही और केंद्र व राज्य सरकार ने उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया है.

इसके अलावा मोरचा की ओर से दाजिर्लिंग में जीटीए सचिवालय भवन, जीटीए सभा व आवासीय मकान बनाने के लिए भी प्रस्ताव पेश किया गया है. इसके लिए करीब 553 करोड़ रुपये की मांग की गयी है.

जीटीए के चेयरमैन व उप चेयरमैन को राज्य के कैबिनेट मंत्री व कार्यकारी सदस्यों को राज्य मंत्री का दर्जा देने को कहा गया है. उन्होंने बताया कि जनवरी 2014 में फिर से जीटीए को लेकर त्रिपक्षीय बैठक होगी.

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