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कच्चा जूट : भंडारण सीमा तय करेगा केंद्र
कोलकाता. कच्चे जूट की कीमत में वृद्धि से चिंतित केंद्र ने भंडारण सीमा तय करने तथा जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय किया है. घरेलू आपूर्ति बढ़ाने तथा कीमतों पर अंकुश लगाने के उपायों के तहत यह कदम उठाया गया है. केंद्र, बांग्लादेश द्वारा कच्चे जूट के निर्यात पर प्रतिबंध के मुद्दे को उठायेगा. […]
कोलकाता. कच्चे जूट की कीमत में वृद्धि से चिंतित केंद्र ने भंडारण सीमा तय करने तथा जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय किया है. घरेलू आपूर्ति बढ़ाने तथा कीमतों पर अंकुश लगाने के उपायों के तहत यह कदम उठाया गया है.
केंद्र, बांग्लादेश द्वारा कच्चे जूट के निर्यात पर प्रतिबंध के मुद्दे को उठायेगा. एक आधिकारिक बयान के अनुसार केंद्रीय कपड़ा मंत्री संतोष गंगवार ने संबद्ध पक्षों के साथ बैठक में यह निर्णय किया. बैठक कच्चे जूट के मूल्य को स्थिर करने की रणनीति तैयार करने के लिये बुलायी गयी थी. सरकार ने त्रिस्तरीय रणनीति तैयार की है.
कपड़ा मंत्रालय के अनुसार, जूट आयुक्त से जूट की गांठ बनानेवाले कारोबारियों, व्यापारियों तथा मिलों के लिये भंडारण सीमा अधिसूचित करने को लेकर उपयुक्त कदम उठाने का अनुरोध किया गया है. साथ ही राज्य सरकार की मदद से जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा गया है ताकि सत्र के दौरान उत्पादित जूट, मिलों के लिये उपलब्ध हों. मंत्रालय ने वाणिज्य एवं विदेश मंत्रालय से कच्चे जूट के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने के लिये बांग्लादेश के साथ मामले को उठाने का भी आग्रह किया है. इसके अलावा केंद्र ने देश में जूट की खेती को बढ़ावा देने के लिए उपयुक्त दीर्घकालीन कदम उठाने का भी फैसला किया है. पिछले एक साल में जूट की कीमतों में काफी तेजी आयी है.
इंडियन जूट मिल्स एसोसिएशन के चेयरमैन मनीष पोद्दार ने कहा कि पिछले वर्ष सितंबर में कच्चे जूट की कीमत 2,800 रुपये प्रति क्विंटल थी, जबकि मौजूदा कीमत 4900 से 5000 रुपये क्विंटल है. जूट की कमी की आशंका से कारोबारी जमाखोरी कर रहे हैं.
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