कोलकाता. राज्य के विभिन्न शिक्षा बोर्ड से जुड़े स्कूलों के हिंदी शिक्षकों की संस्था-पहचान क्लब- द्वारा एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें मुख्य अतिथि के ताैर पर उपस्थित कलकत्ता विश्वविद्यालय की हिंदी प्रोफेसर डॉ राजश्री शुक्ला ने कहा कि हिंदी के विकास के लिए पिछले कुछ समय से काफी कार्य किये जा रहे हैं. अब तो हिंदी विदेशों में भी पढ़ायी जा रही है. हिंदी के विकास के लिए जरूरी है कि हिंदी समाज व हिंदी शिक्षक मिलकर प्रयास करें.
स्कूल में तो हिंदी के लिए कई गतिविधियां होती ही हैं लेकिन स्कूल के बाहर भी हिंदी के विकास हेतु काम होना चाहिए. हिंदी पर भी बाजारवाद हावी है. बाजारवाद की शक्तियों से लड़ने के लिए दूसरे तरीके के हथियारों की जरूरत है. शिक्षक अपने पारंपरिक रूप से अलग हटकर अपनी विचारधारा में बदलाव लाकर रचनात्मक कार्य कर सकता है. हिंदी का विस्तार तो हुआ है लेकिन नयी पीढ़ी हिंदी भाषा के प्रयोग को लेकर ज्यादा गंभीर नहीं है. हिंदी भाषा की गुणवत्ता में सुधार के साथ भाषा की शुद्धता भी जरूरी है. हिंदी के विकास में शिक्षक, मीडिया के साथ-साथ पैरेंट्स को भी प्रयास करना चाहिए. कई सामाजिक कार्यों में सक्रिय फेसेस संस्था के सचिव इमरान जाकी ने कहा कि विभिन्न स्कूलों के हिंदी शिक्षकों के क्लब द्वारा किये जा रहे ऐसे आयोजनों से हिंदी को बढ़ावा मिलेगा. कई कार्यशालाओं के जरिये सामाजिक मुद्दों को उठाकर क्लब जनचेतना जाग्रत करने का काम कर रहा है. उम्मीद है कि क्लब हिंदी को काफी आगे ले जायेगा. इससे लायंस क्लब भी जुड़ा है. वे भी हमेशा क्लब को सहयोग करते रहेंगे.
कार्यक्रम में मिस इंडिया इन्टरनेशनल रिचा शर्मा ने कहा कि एक मंच पर एक साथ हिंदी शिक्षकों के इस आयोजन को देखकर खुशी हो रही है. देखा जाये तो छात्र के समग्र विकास व आदर्श समाज की स्थापना में शिक्षकों की महत्वूर्ण भूमिका है. संस्था के जरिये सामूहिक रूप से शिक्षकों को कुछ करने व आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा.
स्वागत भाषण पहचान के अध्यक्ष राजीव मिश्रा ने दिया. कार्यक्रम का संचालन त्रिलोक नाथ पांडे व धरमनाथ दूबे ने किया. कार्यक्रम के सफल संचालन में सरस्वती प्रकाशन का सहयोग रहा. इनके अलावा पहचान की सचिव सुधा जैसवाल, कोषाध्यक्ष व आइबी (हेरीटेज) की विभागाध्यक्ष कविता अरोड़ा, डॉ श्यामा सिंह, महाप्रबंधक एस एच उस्मानी, शिक्षक बलवंत सिंह, कोनिका घोष, अंजना वाही सहित कई शिक्षकों का सक्रिय सहयोग रहा.