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बच्चों में चिंतन की योग्यता नितांत जरूरी
कोलकाता : शिक्षा का मतलब है सेवा करना. बच्चों में आइ क्यू् तथा ई क्यू के साथ टी क्यू अर्थात चिंतन की योग्यता का हाेना नितांत आवश्यक है. जैन विश्वभारती की रजत जयंती समारोह में विश्वविद्यालय की वाईस चांसलर समणी चरित्रप्रज्ञा ने ये बातें कहीं. उन्होंने समाज के लोगों से अपने परिवार के एक सदस्य […]
कोलकाता : शिक्षा का मतलब है सेवा करना. बच्चों में आइ क्यू् तथा ई क्यू के साथ टी क्यू अर्थात चिंतन की योग्यता का हाेना नितांत आवश्यक है. जैन विश्वभारती की रजत जयंती समारोह में विश्वविद्यालय की वाईस चांसलर समणी चरित्रप्रज्ञा ने ये बातें कहीं. उन्होंने समाज के लोगों से अपने परिवार के एक सदस्य को इस विश्वविद्यालय से जुड़ने की भी अपील की.
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि पटना हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी ने शिक्षा की सार्थकता हिंदू दर्शन के कण-कण में बसे हैं राम से की. उन्होंने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में जहां हम आदिम से आधुनिक होने का दावा करते हैं, वहीं समाज में हिंसा, अपहरण, दुष्कर्म जैसे मामलों में सही जानकारी नहीं होना ही मूल कारण है.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रामकृष्ण मिशन कोलकाता के प्रमुख शुद्धिदानंद महाराज ने शिक्षा को स्वयं का साक्षात्कार बताया. उन्होंने कहा कि वास्तविक शिक्षा स्वयं पर नियंत्रण प्राप्त करना ही है. आज हम जिसे शिक्षा कहते हैं, वह महती सूचनाओं का भंडारण है. जिसका दावा वातानुकूलित विद्यालय करते हैं. कोरी आध्यात्मिकता युग को प्राण नहीं दे पाएगी, कोरी वैज्ञानिकता युग को त्राण नहीं दे पाएगी.
दोनों की प्रीत जुड़ेगी युगधार तभी मुड़ेगी का गान करते हुए जैन श्वेताबंर महासभा के अध्यक्ष कमल दुग्गड़ ने जैन विश्व भारती संस्थान को आधुनिकता एवं वैज्ञानिकता का संगम बताया. उपस्थित गणमान्य अतिथियों में अखिल भारतीय तेरापंथ महासभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष कल्पना वैद, आचार्य श्री महाश्रमणजी की विदुषी सुशिष्या साध्वी त्रिशलाकुमारी, जय तुलसी फाउंडेशन के प्रबंध न्यासी सुरेंद्र कुमार दुग्गड़, जैन विश्व भारती संस्थान के कुलाधिपति वसंतराज भंडारी, रजत जयंती समारोह के मुख्य संयोजक धरमचंद लुंकड़ व अन्य शामिल थे.
इस अवसर पर आयोजित रजत जयंती कार्यक्रम का कुशल संचालन प्रकाश चंडालिया ने किया. इस अवसर पर हारमोनी के कलाकाराें ने वंदे मातरम की भव्य प्रस्तुति कर उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया.
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