बागान मालिकों ने साफ-साफ कह दिया है कि चाय बागान में उन्हें घाटे का सामना करना पड़ रहा है और वह लोग किसी भी कीमत पर 8.33 प्रतिशत से अधिक बोनस नहीं दे सकते. हालांकि कुछ बागान ऐसे भी हैं, जो 13.5 प्रतिशत बोनस देने के लिए राजी हैं. चाय श्रमिक इससे भी संतुष्ट नहीं हैं. चाय बागान के श्रमिक 20 प्रतिशत बोनस देने की मांग पर अड़े हुए हैं. अपनी इस मांग को लेकर पश्चिम बंग खेत मजदूर समिति की बैनर तले चाय श्रमिकों ने अपना आंदोलन भी शुरू कर दिया है.
न तो राज्य सरकार औन न ही बागान मालिकों द्वारा चाय श्रमिकों की स्थिति में सुधार की कोशिश की जा रही है. उन्होंने डंकन्स समूह के 16 चाय बागानों तथा बंद पड़े सात अन्य चाय बागानों को शीघ्र खोलने की मांग की. इसके अलावा डिमा, राजाभातखावा, अतियाबाड़ी, मेचपाड़ा, चूआबाड़ी, कालचीनी, रायमटांग आदि स्थानों पर भी चाय श्रमिकों के मांगों के समर्थन में रैली निकाली गयी. इस बीच, चाय श्रमिकों के बोनस को लेकर कल 6 तारीख को एक बैठक होने वाली है. श्रमिक नेताओं का कहना है कि बोनस पर फैसला नहीं होता है तो और भी वृहद आंदोलन करेंगे.