23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सोहराब मामले को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन

कोलकाता. रानीगंज के विधायक मोहम्मद सोहराब अली के विधायक पद के लिए अयोग्य करार दिये जाने की मांग पर विधानसभा में वाममोरचा विधायकों के दल की ओर से राज्यपाल से केशरीनाथ त्रिपाठी से हस्तक्षेप की मांग की गयी. इस बावत राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपा गया है. ज्ञापन में कहा गया है कि आठ सितंबर […]

कोलकाता. रानीगंज के विधायक मोहम्मद सोहराब अली के विधायक पद के लिए अयोग्य करार दिये जाने की मांग पर विधानसभा में वाममोरचा विधायकों के दल की ओर से राज्यपाल से केशरीनाथ त्रिपाठी से हस्तक्षेप की मांग की गयी. इस बावत राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपा गया है. ज्ञापन में कहा गया है कि आठ सितंबर को आसनसोल अदालत द्वारा केस नंबर 522/95 की सुनवाई के दौरान सोहराब को आपराधिक मामले में दोषी पाया गया.
कथित तौर पर उन्हें दो वर्षों के कारावास की सजा सुनायी गयी है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार किसी आपराधिक मामले में दोषी साबित होने व न्यूनतम दो वर्षों तक कारावास की सजा दिये जाने पर संसद, विधानसभा व विधान परिषद के सदस्यों की सदस्यता रद्द हो जायेगी. ज्ञापन के अनुसार अदालत के दिये निर्देशानुसार मोहम्मद सोहराब अली की पश्चिम बंगाल विधानसभा में सदस्यता भी रद्द होनी चाहिए. राज्यपाल को सौंपे गये पत्र में वाममोरचा विधायकों के दल की ओर से आश्चर्य जताया गया है कि विगत सोमवार को विधानसभा सत्र चलने के दौरान विधानसभा के अध्यक्ष की ओर से कहा गया कि आधिकारिक तौर पर अली की सजा तय किये जाने की सूचना उन्हें नहीं दी गयी है. आरोप के मुताबिक संवैधानिक नियमों व कानून के तहत सोहराब के विधायक पद के लिए अयोग्य होने के मसले को लेकर राज्य सरकार की ओर से भी उचित कार्रवाई नहीं की जा रही है.
राज्यपाल को ज्ञापन देगा इंटक
केंद्र व राज्य सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ इंटक राज्यपाल को ज्ञापन सौंपेगी. मंगलवार को पश्चिम बंगाल इंटक की कार्यकारिणी की बैठक हुई. प्रदेश इंटक अध्यक्ष रमेण पांडेय के नेतृत्व में हुई इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि केंद्र एवं राज्य सरकारों की श्रमिक व जन विरोधी नीतियों के खिलाफ इंटक का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी से मिलेगा आैर अपनी मांगों से संबंधित एक ज्ञापन उन्हें सौंपेगा. श्री पांडेय ने बताया कि राज्य में केंद्र व राज्य सरकार के कर्मचारियों की हालत बेहद खस्ता है.
जूट एवं चाय उद्योगों का बुरा हाल है. तृणमूल सरकार ने राज्य के आैद्योगिक विकास का नारा दिया था, लेकिन साढ़े चार साल के शासनकाल में सरकार ने एक भी बंद कारखाने काे खोलने का प्रयास नहीं किया, इसके विपरित कई आैर कारखाने बंद हो गये हैं. इंटक अध्यक्ष ने बताया कि बंद

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें