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विरोध प्रदर्शन: पुलिस ने भांजी लाठियां, नवान्न नहीं पहुंची कांग्रेस की रैली पथावरोध कर जताया विरोध

कोलकाता: वाम मोरचा के नबान्न अभियान को रोकने में जिस पुलिस के पसीने छूट गये थे, उसी पुलिस ने कांग्रेस की रैली को नबान्न का रुख तक करने नहीं दिया. सबंग कॉलेज में छात्र परिषद कार्यकर्ता कृष्णपद जाना, केतुग्राम में शाहिना परवीन नामक छात्रा के साथ दुष्कर्म व हत्या, राज्य में कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति, […]

कोलकाता: वाम मोरचा के नबान्न अभियान को रोकने में जिस पुलिस के पसीने छूट गये थे, उसी पुलिस ने कांग्रेस की रैली को नबान्न का रुख तक करने नहीं दिया. सबंग कॉलेज में छात्र परिषद कार्यकर्ता कृष्णपद जाना, केतुग्राम में शाहिना परवीन नामक छात्रा के साथ दुष्कर्म व हत्या, राज्य में कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति, अराजकता के खिलाफ कांग्रेस ने मंगलवार को नबान्न अभियान किया.

रानी रासमनी एवेन्यू, हावड़ा स्टेशन एवं सांतरागाछी से कांग्रेस की तीन रैलियों को नबान्न की आेर जाना था, पर इन तीनों स्थानों पर मौजूद सैकड़ों की तादाद में पुलिस वालों ने कांग्रेस की तीनों रैलियों को अपनी जगह से हिलने नहीं दिया. रानी रासमनी एवेन्यू में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी, पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सोमेन मित्रा, मानस भुंइया, प्रदीप भट्टाचार्य इत्यादि के साथ स्वयं मौजूद थे.

कांग्रेस कार्यकर्ताआें ने पुलिस की किलेबंदी को तोड़ने का भी प्रयास किया, इस अवसर पर थोड़ी धक्कामुक्की भी हुई. पुलिस की तत्परता को देखते हुए अचानक अधीर चौधरी हजारों कांग्रेस कार्यकर्ताआें को ले कर धर्मतल्ला के डोरिना क्रासिंग पर जा कर पथावरोध कर दिया. श्री चौधरी के साथ कांग्रेस के अन्य नेता आैर कार्यकर्ता बीच सड़क पर बैठ गये. ढाई बजे शुरू हुआ पथावरोध लगभग चार बजे तक चला. एडिश्नल पुलिस कमिश्नर फोर ने वहां पहुंच कर कांग्रेस का ज्ञापन लिया, तब जा कर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं अन्य नेता व कर्मी रास्ते से उठे आैर अवरोध खत्म हुआ. इस दौरान कई बार पुलिस वालों एवं कांग्रेस कार्यकर्ताआें के बीच धक्का-मुक्की भी हुई. इस मौके पर श्री चौधरी ने कहा कि राज्य में हत्या, दुष्कर्म, आतंक का बाजार गरम है. हर तरफ अराजकता छायी हुई है.

कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है. छात्र, शिक्षक, किसान, महिला, बच्चे के साथ-साथ पुलिस वालों की भी हत्या हो रही है. हम राज्य वासियों के दुख, तक्लीफ, परेशानी से सरकार को अवगत कराना चाहते हैं, पर सरकार को एक ज्ञापन तक लेना मंजूर नहीं है. ममता बनर्जी निर्मम शासक के रुप में आतंक का राज चला रही हैं. जिसे खत्म करना हमारा उद्देश्य है. कितने दुख की बात है कि यह सरकार एक ज्ञापन तक लेने से डर रही है. तृणमूल हमें धमकी व हिंसा के द्वारा खत्म नहीं कर सकती है. हमें रोकने के लिए इतनी बड़ी संख्या में पुलिस को क्यों तैनात किया है. हम लोग नबान्न में मुख्यमंत्री की कुर्सी छीनने नहीं जा रहे थे.

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