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सीमेंट उद्योग संघ ने सरकार से वैट रिलीफ की मांग की

कोलकाता. पश्चिम बंगाल के सीमेंट मैन्यूफैक्चरिंग एसोसिएशन के सदस्यों ने वर्तमान में इस उद्योग के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए एकजुट हाेने का मन बनाया है. मध्यम एवं लघु उद्यम की श्रेणी में आने वाले इस उद्योग के समक्ष केन्द्र सरकार और राज्य सरकार की नीतियों में बदलाव की वजह से अपने […]

कोलकाता. पश्चिम बंगाल के सीमेंट मैन्यूफैक्चरिंग एसोसिएशन के सदस्यों ने वर्तमान में इस उद्योग के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए एकजुट हाेने का मन बनाया है. मध्यम एवं लघु उद्यम की श्रेणी में आने वाले इस उद्योग के समक्ष केन्द्र सरकार और राज्य सरकार की नीतियों में बदलाव की वजह से अपने अस्तित्व की रक्षा का संकट उत्पन्न हो गया है.

इसी संबंध में संगठन के पदाधिकारियों ने एक रणनीति का निर्माण कर इस उद्योग के भीतर एवं बाहर उपस्थित चुनौतियों का सामना करने का निर्णय लिया है. संगठन की बैठक में इस बात पर चिंता व्यक्त की गयी कि केन्द्र और राज्य सरकार की ओर से इस उद्योग के लिए सरकारी परियोजनाओं में कोटा तय होने के बावजूद सरकार बड़ी कंपनियों से ही सीमेंट लेती है.

वहीं सरकार जिस दर से वैट बड़ी कंपनियों से लेती है, उसी दर से छोटी इकाइयों से भी टैक्स लिया जाता है. ऐसे में सरकारी स्तर पर यह भेदभाव इस उद्योग के लिए काफी खतरनाक है. वहीं अभी हाल ही में सेंट्रल पाल्यूशन बोर्ड की ओर से इन छोटी इकाइयों को ऑनलाइन स्टेक मानीटरिंग सिस्टम लगाने का निर्देश दिया गया है.

काफी खर्चीली होने की वजह से छोटी इकाइयाें पर इसका खराब प्रभाव पड़ेगा. इसके अलावा इन लघु उद्यमियों पर डीलरों द्वारा उत्पाद में खराबी और अन्य प्रक्रियाओं का इस्तेमाल कर पैसे हजम करने की प्रवृति को बंद करने के लिए भी सीएमए कोलकाता चैप्टर सख्त कदम उठाने की तैयारी में है. इस बैठक में सीएमए पश्चिम बंगाल के सेक्रेटरी रवि मित्तल, अध्यक्ष पवन गुटगुटिया, कोषाध्यक्ष नीतेश खेतान, नीरज कुमार बंसल, मुकेश कुमार, सत्यनारायण अग्रवाल समेत संगठन के तमाम सदस्य एवं पदाधिकारी उपस्थित थे.

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