इसी संबंध में संगठन के पदाधिकारियों ने एक रणनीति का निर्माण कर इस उद्योग के भीतर एवं बाहर उपस्थित चुनौतियों का सामना करने का निर्णय लिया है. संगठन की बैठक में इस बात पर चिंता व्यक्त की गयी कि केन्द्र और राज्य सरकार की ओर से इस उद्योग के लिए सरकारी परियोजनाओं में कोटा तय होने के बावजूद सरकार बड़ी कंपनियों से ही सीमेंट लेती है.
काफी खर्चीली होने की वजह से छोटी इकाइयाें पर इसका खराब प्रभाव पड़ेगा. इसके अलावा इन लघु उद्यमियों पर डीलरों द्वारा उत्पाद में खराबी और अन्य प्रक्रियाओं का इस्तेमाल कर पैसे हजम करने की प्रवृति को बंद करने के लिए भी सीएमए कोलकाता चैप्टर सख्त कदम उठाने की तैयारी में है. इस बैठक में सीएमए पश्चिम बंगाल के सेक्रेटरी रवि मित्तल, अध्यक्ष पवन गुटगुटिया, कोषाध्यक्ष नीतेश खेतान, नीरज कुमार बंसल, मुकेश कुमार, सत्यनारायण अग्रवाल समेत संगठन के तमाम सदस्य एवं पदाधिकारी उपस्थित थे.