कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट में एमपीएस संबंधी मामले की अगली सुनवाई आगामी चार सितंबर को होगी. केंद्र सरकार को उस दिन बताना होगा कि मनी लॉन्ड्रिंग कानून के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के अलावा अन्य कोई संपत्ति को जब्त कर सकता है या नहीं.
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल को केंद्र का रुख बताने के लिए कहा गया है. शुक्रवार को कलकत्ता हाइकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लुर व न्यायाधीश जयमाल्य बागची की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई में इडी के वकील गियासुद्दीन ने कहा कि 2012 में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के मुताबिक संपत्ति जब्त करने का संवैधानिक अधिकार केवल इडी को दिया गया है. अन्य कोई संस्था संपत्ति को जब्त या विक्रय नहीं कर सकती.
खंडपीठ ने केंद्र के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल कौशिक चंद्र को कहा कि इस तरह के केंद्र यह बताये कि कानून में किसी तरह का बदलाव हो सकता है या नहीं. उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व सुनवाई के दौरान इडी ने कहा था कि रोज वैली के मामले में न्यायाधीश ने एक कमेटी का गठन किया था जो संपत्ति के क्रय या विक्रय में हस्तक्षेप कर सकती है. इस निर्देश चुनौती देते हुए इडी ने याचिका दायर की थी. इस याचिका को एमपीएस के मामले के साथ जोड़ दिया गया है.
एमपीएस को इससे पहले अदालत ने लेक टाउन के कार्यालय से जरूरी दस्तावेज लेकर अपनी संपत्ति का हिसाब एक रिपोर्ट की सूरत में देने को कहा था. वह रिपोर्ट शुक्रवार को जमा की गयी.