आज तड़के मालदा मेडिकल कॉलेज में अज्ञात बुखार से 60 वर्षीय वृद्ध सालन राय की मौत हो गयी. मृतक गाजोल थानांतर्गत शाहजादपुर ग्राम पंचायत के भक्तिपुर गांव का रहनेवाला था. मृतक के बेटे छोटन राय ने बताया कि रविवार सुबह बुखार पीड़ित उसके पिता को गाजोल ग्रामीण अस्पताल में भरती कराया गया था. उसी दिन शाम को उन्हें मालदा मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया गया. मालदा मेडिकल कॉलेज में दो दिनों तक भरती रहने के बाद भी उन्हें कोई चिकित्सकीय सेवा नहीं मिली. आज तड़के पांच बजे उसकी मौत हो गयी. मरीज के परिजनों का कहना है कि मालदा मेडिकल कॉलेज में भरती के बाद से सालन राय को चिकित्सक उन्हें नियमित देखने नहीं आते थे.
ब्लड जांच के लिए बार बार मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को अनुरोध किये जाने के बावजूद उनके पिता की ब्लड जांच के लिए नहीं भेजा गया. मरीज की मौत के लिए परिजनों ने मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों की लापरवाही को ही कारण ठहराया. दूसरी ओर, मालदा मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकीय लापरवाही से डेंगू पीड़ित एक स्कूल छात्रा की मौत पर मंगलवार रात को बवाल मच गया. छात्रा की मौत के बाद आक्रोशित मरीज के परिजनों ने मेडिकल कॉलेज के फिमेल वार्ड में तोड़फोड़ की. बाद में इंग्लिशबाजार थाने की पुलिस घटनास्थल पर पहुंच कर दो लोगों को गिरफ्तार कर स्थिति को नियंत्रित किया. इधर, मृतक के परिजनों का कहना है कि डेंगू पीड़त पूर्णिमा साहा मालदा मेडिकल कॉलेज में पांच दिनों तक भरती रहने के बावजूद उसका कोई इलाज नहीं किया गया.
दूसरी ओर, मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने मृतक के परिजनों के आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है.पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मृत छात्रा 14 वर्षीय पूर्णिमा साहा गाजोल थानांतर्गत माझरा ग्राम पंचायत के रेलवे कॉलोनी इलाके की रहनेवाली थी. वह गाजोल के रामचंद्र साहा बालिका विद्यालय की सातवीं कक्षा की छात्रा थी. बीते शुक्रवार को बुखार व सिर दर्द की शिकायत के साथ उसे मालदा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में भरती कराया गया था. मंगलवार शाम छह बजे के आसपास मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों ने छात्रा की मौत की खबर उसके परिवार वालों को दी. मौत की खबर सुनते ही छात्रा का परिवार आक्रोशित हो उठें. इसके बाद उनलोगों ने मेडिकल कॉलेज में तोड़फोड़ शुरू कर दी.
मृतक के मामा ने बताया कि भांजी की शरीर में डेंगू के जीवाणु होने के पुष्टि के बावजूद उसकी चिकित्सा नहीं हो रही थी. कॉलबुक के बावजूद कोई चिकित्सक नहीं आये. धीरे धीरे भांजी की शारीरिक हालत बिगड़ने लगी और उसकी मौत हो गयी. उन्होंने आगे कहा कि पूरी घटना के पीछे मेडिकल कॉलेज की चिकित्सा व्यवस्था को जिम्मेवार ठहरा गया है, लेकिन कोई तोड़फोड़ नहीं की गयी. इंग्लिशबाजार थाने के आइसी दिलीप कर्मकार ने बताया कि मरीज की मौत को लेकर मेडिकल कॉलेज में तोड़फोड़ की घटना घटी थी. पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है. निर्धारित शिकायत मिलने पर आवश्यक कदम उठाया जायेगा.