यह घोषणा राजारहाट के पाथेरघाटा में भागवत जन-कल्याण ट्रस्ट के बैनर तले असहाय व उपेक्षित वृद्धों व गौमाता की सेवार्थ 32 कट्ठा भूमि पर बने ममता का मंदिर के चतुर्थ वार्षिकोत्सव के उपलक्ष्य में इसके संस्थापक भागवत मर्मज्ञ श्रद्धेय पं मालीराम शास्त्री ने की. इस अवसर पर उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए शास्त्री जी ने कहा कि अपने माता-पिता व बुजुर्गों का अपमान करनेवालों को अपने बच्चों से भी यही हासिल होगा.
इसमें कोई संदेह नहीं है क्योंकि बच्चों को हम जैसा सिखायेंगे वो उसी का अनुशरण करेंगे. अत: हमें चाहिए कि हम अपने बच्चों में बचपन से ही बड़ों के प्रति सुसंस्कार के बीज बोयें. पं शास्त्री ने बताया कि इस ममता का मंदिर में 40 वृद्धों व 35 गौ-माताओं की निरंतर सेवा हो रही है. उन्होंने कहा कि गौ-माता का जीवन गंभीर संकट में है और उनकी रक्षा हम सभी का नैतिक कर्तव्य है. पं शास्त्री ने कहा कि अगर हम एक साथ तैंतीस करोड़ देवी-देवताओं की पूजा का पुण्य प्राप्त करना चाहते हैं तो बस गौमाता की पूजा से ही वह प्राप्त हो सकता है.
समारोह का शुभारंभ यहां स्थित गौशाला में सामूहिक आरती के साथ हुआ. तत्पश्चात मारवाड़ी युवा मंच, हावड़ा शाखा की ओर से स्व. जगदीश तायल की पुण्य स्मृति में सैकड़ों स्थानीय जरूरतमंदों में नि:शुल्क तिरपाल वितरित किये गये. इसके अलावा, काफी लोगों में छाता व महिलाओं में साड़ियां भी वितरित की गयीं. राधा मंडल की ओर से प्रस्तुत भजनों की अमृतवर्षा में श्रद्धालु भाव-विभोर हो गये.
इस अवसर पर बतौर विशिष्ट अतिथि विधाननगर की अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (परिवहन) शिवानी तिवारी, कोलकाता के पूर्व शेरिफ डॉ एसके शर्मा, अ.भा. मारवाड़ी सम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राम अवतार पोद्दार, पाथेरघाटा की ग्राम पंचायत प्रधान जहांआरा बीवी सहित विजय अग्रवाल, सीताराम शर्मा, महेश शर्मा, दिलीप चौधरी, पवन माधोगढ़िया, सत्यनारायण खेतान, नवल सुल्तानिया, बिनोद केडिया, बिरम प्रकाश सुल्तानिया, रामोतार थरड़, गोविंद शर्मा, रमेश शर्मा, मनमोहन केडिया, मोहनलाल पारीक, भोमराज सरावगी, प्रकाश चंडालिया व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे. कार्यक्र म का संचालन सुरेश कुमार भुवालका ने किया, जबकि ओम पाल ने धन्यवाद ज्ञापन किया.