बोले संत बालकदासजीहावड़ा. सलकिया के जीटी रोड स्थित कृष्णाभवन में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ तीन यजमानों ओमप्रकाश प्रेमराजका, ओमप्रकाश गोयनका व बालमुकुंद गोयल द्वारा व्यासपीठ के पूजन-अर्चन व आरती के साथ हुआ. कथा व्यास भागवत भूषण भागवत रसिक संत श्री बालकदास महाराज ने बुधवार को उद्धव गोपी संवाद का बड़ा ही मार्मिक वर्णन करते हुए कहा कि भगवान के सच्चे प्रेमियों के आगे बड़े से बड़े ज्ञानी का कोई मोल नहीं, जिसका सबसे अनुपम उदाहरण कृष्ण भक्ति में डूबी वो गोपियां हैं, जिन्होंने उद्धव जी के ज्ञान के भंडार को व्यर्थ साबित कर दिया. इसका अभिप्राय यही है कि भक्ति के लिए सच्चे प्रेम की जरूरत है, न कि अथाह ज्ञान की. रूक्मिणी विवाह के संबंध में संतश्री ने कहा जो मन से ईश्वर को अपना समझने लगता है, प्रभु भी उसे अपने हृदय में स्थान देते हैं. संतश्री द्वारा वृंदावन की मधुरिम रासलील का रसास्वादन भक्तों को कराया गया. इस आयोजन का समापन 16 जुलाई को सुदामा चरित्र, परीक्षित मोक्ष की कथा के पश्चात पूर्णाहुति यज्ञ के साथ दोपहर 3 से 6.30 बजे के मध्य होगा. कृष्णा भवन के संयुक्त कोषाध्यक्ष एवं निर्माणाधीन ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी बाबूलाल गुप्ता, कृष्णा भवन के कोषाध्यक्ष रामअवतार थरड एवं हरिश्चंद अग्रवाल, ओमप्रकाश फतेपुरिया, राकेश खेतड़ीवाल, अनिल पोद्दार, विनीत कसेरा कार्यक्रम को सफल बनाने में सक्रिय रहे.
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मन से माननेवालों को दिल में बैठाते हैं भगवान
बोले संत बालकदासजीहावड़ा. सलकिया के जीटी रोड स्थित कृष्णाभवन में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ तीन यजमानों ओमप्रकाश प्रेमराजका, ओमप्रकाश गोयनका व बालमुकुंद गोयल द्वारा व्यासपीठ के पूजन-अर्चन व आरती के साथ हुआ. कथा व्यास भागवत भूषण भागवत रसिक संत श्री बालकदास महाराज ने बुधवार को उद्धव […]
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