कोलकाता.भूकंप एक ऐसी प्राकृतिक आपदा है, जिसका पहले से पता लगा पाना अब तक संभव नहीं हो पाया है. भू-वैज्ञानिक भूकंप की पहले से जानकारी प्रदान करने के लिए रिसर्च में लगे हुए हैं और अगले 20-30 वर्षों में यह संभव हो जायेगा. यह जानकारी मंगलवार को केंद्रीय भू-विज्ञान विभाग के सचिव डॉ शैलेश नायक ने एमसीसी चेंबर ऑफ कॉमर्स व इंडस्ट्री की ओर से आयोजित कार्यक्रम में दी. उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट पर भारत काफी गंभीरता के साथ कार्य कर रहा है. भारत के साथ-साथ 24 देश इस पर एक साथ रिसर्च कर रहे हैं. इस मौके पर राज्य के आपदा प्रबंधन व दमकल मंत्री जावेद अहमद खान ने कहा कि पश्चिम बंगाल की ऐसा राज्य है, जहां आपदा प्रबंधन के लिए एक अलग विभाग व मंत्रालय है. अब राज्य सरकार ने जिलों को भी सैटेलाइट कम्यूनिकेशन के माध्यम से मुख्यालय को जोड़ दिया है, जिससे कहीं भी कोई आपदा आने पर तुरंत उसकी जानकारी मुख्यालय को मिल जाती है और राहत कार्य भी संग-संग शुरू हो जाता है. राज्य सरकार द्वारा आपदा प्रबंधन में कार्य करनेवाले लोगों को शिक्षण व प्रशिक्षण दिया जाता है. राज्य सरकार ने पैरा मिलिटरी फोर्स की भांति वेस्ट बंगाल वालंटरी फोर्स का गठन किया है. इस मौके पर आइआइटी खड़गपुर के जिओलॉजी व जियो फिजिक्स विभाग के प्रोफेसर डॉ शंकर कुमार नाथ, वैज्ञानिक डॉ ओपी मिश्रा, क्रेडाई बंगाल के अध्यक्ष सुशील मोहता सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे.
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भूकंप आने से पहले मिलेगी उसकी जानकारी : विशेषज्ञ
कोलकाता.भूकंप एक ऐसी प्राकृतिक आपदा है, जिसका पहले से पता लगा पाना अब तक संभव नहीं हो पाया है. भू-वैज्ञानिक भूकंप की पहले से जानकारी प्रदान करने के लिए रिसर्च में लगे हुए हैं और अगले 20-30 वर्षों में यह संभव हो जायेगा. यह जानकारी मंगलवार को केंद्रीय भू-विज्ञान विभाग के सचिव डॉ शैलेश नायक […]
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