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हृदय रोगियों के लिए नयी पीढ़ी का डीइएस स्टेंट
कोलकाता: देश में हृदय की धमनी से जुड़ी बीमारी (सीएडी) के मरीजों के लिए जल्द ही नयी पीढ़ी का ‘ड्रग इल्यूटिंग स्टेंट्स’ (डीइएस) पेश किया जायेगा. उल्लेखनीय है कि दुनिया में हृदय की धमनी से जुड़ी बीमारी (सीएडी) के सर्वाधिक मरीज भारत में हैं. बुडापेस्ट स्थित गौटसेगेन जियोर्जी हंगेरियन इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी में अडल्ट कार्डियोलॉजी […]
कोलकाता: देश में हृदय की धमनी से जुड़ी बीमारी (सीएडी) के मरीजों के लिए जल्द ही नयी पीढ़ी का ‘ड्रग इल्यूटिंग स्टेंट्स’ (डीइएस) पेश किया जायेगा. उल्लेखनीय है कि दुनिया में हृदय की धमनी से जुड़ी बीमारी (सीएडी) के सर्वाधिक मरीज भारत में हैं. बुडापेस्ट स्थित गौटसेगेन जियोर्जी हंगेरियन इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी में अडल्ट कार्डियोलॉजी के प्रमुख पीटर एंडरेका ने कहा, ‘एक सादे खुले धातुयुक्त स्टेंट की तुलना में नयी पीढ़ी का रेजॉल्यूट ओनिक्स ड्रग इल्यूटिंग स्टेंट होगा जो स्टेंट तकनीक में क्रांति की तरह होगा.’ स्टेंट की क्षमता बढ़ाने के लिए रिजॉल्यूट ओनिक्स डीइएस में कोर वायर तकनीक का इस्तेमाल होगा.
कहते हैं विशेषज्ञ
बुडापेस्ट स्थित अपने संस्थान में रिजॉल्यूट ओनिक्स डीइएस का इस्तेमाल करके हृदय की धमनी से जुड़ी बीमारी से पीड़ित करीब 80 मरीजों का इलाज कर चुके एंडरेका ने कहा, ‘इसने लंबी अवधि की सुरक्षा और क्षमता साबित की है और एक महीने बाद ड्यूल एंटीप्लेटलेट थेरेपी (डीएपीटी) में बाधा या रुकावट आने से स्टेंट थ्रोम्बोसिस का खतरा भी कम हुआ है.’ कंटीन्यूअस सायनसऑयड तकनीक (सीएसटी) के बाद कोर वायर तकनीक नयी तरह की डीइएस तकनीक है. इसकी खासियत यह है कि यह कोबाल्ट मिश्र धातु शेल में लिपटा होता है.
शानदार खोज
उन्होंने कहा, ‘कोर वायर तकनीक एक शानदार खोज है जिसका आज और आने वाले समय में चिकित्सा के क्षेत्र में बेहतर प्रभाव होगा.’ एंडरेका भारत की पांच दिन की यात्र पर हैं. वह यहां देश में रेजॉल्यूट ओनिक्स डीइएस को पेश करने के संबंध में भारत के प्रमुख शहरों में मौजूद भारतीय इंटरवेंशनल हृदय रोग विशेषज्ञों से बातचीत करेंगे.
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