साथ ही एब्सल्यूट फाइनांसियल सर्विस लिमिटेड नामक नागपुर की कंपनी ने भी अपनी बैलेंस शीट अदालत में जमा की. यह कंपनी एमपीएस की संपत्ति को गिरवी रख कर पैसे देने को तैयार है. इधर एमपीएस के वकील श्रीजीत चक्रवर्ती ने सभी चिटफंड मामलों की सुनवाई के लिए अलग बेंच गठित करने की अपील की. मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने कहा कि फिलहाल अलग बेंच गठित करना संभव नहीं है लेकिन इन सभी मामलों से जुड़े वकील तैयार होते हैं तो हर शनिवार को चिटफंड मामलों की सुनवाई की जा सकती है.
इस पर सरकारी वकील व बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रणव दत्त ने अनुरोध किया कि इस संबंध में खंडपीठ एसोसिएशन के 31 जुलाई को होने वाले चुनाव के बाद ही फैसला ले. इस पर खंडपीठ ने सहमति जतायी. उल्लेखनीय है कि चिटफंड से जुड़े 272 मामले लंबित हैं जबकि 500 के करीब मामलों में एफआइआर दर्ज किया गया है. इससे पूर्व न्यायाधीश जयमाल्य बागची ने टिप्पणी की थी कि इन सभी मामलों का निबटारा होने में तो 100 वर्ष लग जायेंगे. इसके बाद ही मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने सभी मामलों की एक साथ सुनवाई की बात कही थी.