इसके साथ ही धान के विभिन्न वैराइटीज की गुणवत्ता की जांच के लिए भी अत्याधुनिक नन-इंवैसिव तकनीक का प्रयोग किया जायेगा. डिजिटल कैमरा पर आधारित ‘ इनोवीजन ’ कैप्चरिंग सिस्टम लांच किया गया है, जिससे चाय की पत्तियों की जांच की जायेगी और उससे निकलनेवाली सुगंध को मापा जायेगा. इसी प्रकार, चावल के लिए भी ‘ ई-नोज ’ तकनीक बनाया गया है, जो चावल की खुशबू से उसकी गुणवत्ता की जानकारी देंगी.
इसके साथ-साथ चाय के स्वाद के लिए ‘ ई-टंग ’ व चावल के स्वाद के ‘ अन्नदर्पण ’ तकनीक पेश किया गया है. श्री नाथ ने बताया कि रेशम की गुणवत्ता की जांच के लिए भी सी-डैक द्वारा ई-तकनीक पेश किया गया है, जिससे किसान रेशम की गुणवत्ता की जांच कर सकेंगे. इससे यहां के किसानों को उनके द्वारा उत्पादित रेशम के निर्यात में काफी मदद मिलेगी.