उन्हें तीन घंटे तक कोर्ट लॉकअप में बंद रखा गया. पुलिस की अमानवीय व्यवहार का नजारा मंगलवार अपराह्न् विधाननगर एसीजेएम कोर्ट में दिखा. बताया जाता है कि सारधा कांड के एक मामले की सुनवाई के लिए मंगलवार को तृणमूल से निलंबित राज्यसभा सदस्य कुणाल घोष को विधाननगर एसीजेएम अदालत में पेश किया गया था. घोष कोर्ट में मुख्यमंत्री के खिलाफ मीडिया के सामने कोई बयान न दे पाएं, इसके लिए कोर्ट परिसर में बड़ी तादाद में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था. मामले की सुनवाई के बाद उन्हें कोर्ट लॉकअप में ले जाने के दौरान मीडिया कर्मियों ने कुणाल घोष से बात करनी चाही, तो कुणाल घोष ने अपनी शरीरिक अस्वस्थता को लेकर बयान देना चाहा. उन्होंने बताया कि वह गंभीर रूप से बीमार हैं. उनके कमर व घुटने में दर्द है.
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कोर्ट में पेशी के दौरान पुलिस ने सांसद कुणाल घोष को पीटा
कोलकाता: मीडिया से बात करने का प्रयास करने पर विधाननगर एसीजेएम कोर्ट में पुलिस ने मंगलवार को राज्यसभा सदस्य कुणाल घोष को धक्का मार कर जमीन पर गिरा दिया. वह खड़े भी नहीं हो पाये थे कि पुलिसकर्मियों ने उनका हाथ-पैर पकड़ कर धसीटते हुए लिफ्ट में घुसा लिया. आरोप है कि पुलिस ने कुणाल […]
कोलकाता: मीडिया से बात करने का प्रयास करने पर विधाननगर एसीजेएम कोर्ट में पुलिस ने मंगलवार को राज्यसभा सदस्य कुणाल घोष को धक्का मार कर जमीन पर गिरा दिया. वह खड़े भी नहीं हो पाये थे कि पुलिसकर्मियों ने उनका हाथ-पैर पकड़ कर धसीटते हुए लिफ्ट में घुसा लिया. आरोप है कि पुलिस ने कुणाल घोष के साथ धक्का-मुक्की की. उन्हें लात से मारा गया और डंडे से पीटा गया. इसके बाद भी सांसद के साथ पुलिस की क्रूरता काम नहीं हुई.
किडनी और पेट की समस्या से पीड़ित हैं, एसएसकेएम में कुत्ते और मदन (परिवहन मंत्री मदन मित्र, जो सारधा मामले में गिरफ्तार हुए हैं) का इलाज चल रहा है, लेकिन सरकार उनके (कुणाल घोष) इलाज पर कोई ध्यान नहीं दे रही है. इस पर वहां मौजूद विधाननगर उत्तर थाना के आइसी शांतनु कोआर ने उन्हें मीडियाकर्मियों से बात करने से रोकना चाहा. इस पर उन्होंने कहा कि न्यायाधीश ने सुनवाई के दौरान उन्हें मीडिया से बात करने के लिए छूट देने के लिए कहा था, तो उन्हें क्यों नहीं बोलने दिया जा रहा है.
अदालत में क्या कहा कुणाल ने
कुणाल ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया था कि जब भी उन्हें साल्टलेक कोर्ट में लाया जाता है कि उन्हें पुलिस ले आने और ले जाने के दौरान उन्हें मारती-पीटती है, उन्हें मीडिया से बात नहीं करने देते हैं. पुलिस के अत्याचार से उनके पूरे शरीर में दर्द हो जाता है. इस पर न्यायाधीश ने पुलिस को यह सुनिश्चित कराने के लिए कहा कि उन्हें (कुणाल घोष) किसी तरह से शारीरिक रूप से प्रताड़ित न किया जाये. घटना के बाद सांसद के वकीलों ने उनके (कुणाल घोष) के साथ पुन: मारने-पीटने की शिकायत विधाननगर के एसीजेएम से की है. एसीजेएम ने विधाननगर उत्तर थाना के आइसी व अन्य पुलिस कर्मियों को बुला कर पूछताछ की.
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