कोलकाता. तस्करी व अवैध शिकार रोकने, राहत व बचाव अभियान चलाने एवं दुश्मन पर नजर रखने के लिए मार्च 2016 तक भारतीय नौसेना के बेड़े में चार नये वाटर जेट फास्ट अटैक पोत शामिल होंगे. गार्डेनरिच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) इन चार युद्ध पोतों का निर्माण कर रही है. मंगलवार को ऐसे ही तीन युद्ध पोतों तारमुग्ली, तिलानचांग एवं तिहायु का जलावतरण वाइस चीफ ऑफ नवल स्टाफ वाइस एडमिरल पी मुरूगेसन की पत्नी मेधा मुरुगेसन ने किया. इस अवसर पर वाइस एडमिरल मुरुगेसन भी मौजूद थे. इस मौके पर जीआरएसई की निदेशक (शिपबिल्डिंग) कमोडोर रत्नाकर घोष ने बताया कि चार में से दो पोत दिसंबर में नौसेना के हवाले कर दिया जायेगा,जबकि दो महीने बाद तीसरा युद्ध पोत दो महीने बाद नौसेना को मिल जायेगा. जबकि चौथा पोत मार्च देने की हम लोग पूरी कोशिश कर रहे हैं. इन पोतों का निर्माण गश्त लगाने के साथ-साथ जरूरत पड़ने पर हमला करने, तस्करी व अवैध शिकार की रोकथाम करने एवं राहत व बचाव अभियान के लिए किया गया है.
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2015-16 में नौसेनो के लिए चार और पोत तैयार करेगा जीआरएसई
कोलकाता. तस्करी व अवैध शिकार रोकने, राहत व बचाव अभियान चलाने एवं दुश्मन पर नजर रखने के लिए मार्च 2016 तक भारतीय नौसेना के बेड़े में चार नये वाटर जेट फास्ट अटैक पोत शामिल होंगे. गार्डेनरिच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) इन चार युद्ध पोतों का निर्माण कर रही है. मंगलवार को ऐसे ही तीन […]
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