कोलकाता: बीमा पॉलिसी भी अब इक्विटी शेयरों की तरह डिपॉजिटरी में रखी जा सकेगी. इससे बीमा पॉलिसी भी दस्तावेज रहित हो जायेगी. बीमा क्षेत्र का नियामक इरडा इस तरह की डिपॉजिटरी स्थापित करने पर विचार कर रहा है.
बीमा नियमन एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) के सदस्य (जीवन) सुधिन रॉय चौधरी ने बताया कि हम शेयर बाजार की तरह ही एक बीमा डिपॉजिटरी बनाने पर विचार कर रहे हैं. बहरहाल, यह अभी विचार के स्तर पर है. उन्होंने कहा कि बीमा पॉलिसी को दस्तावेज के रूप में रखने के बजाय डिपॉजिटरी बनने पर ग्राहक इसे बिना दस्तावेज के डिमैट के रूप में रख सकेंगे. इरडा अधिकारी ने कहा कि इसके लिये एक अलग स्वायत निकाय बनाया जायेगा जो कि डिपाजिटरी चलायेगा. उन्होंने कहा कि नियामक इसके लिये नियम शर्ते बनायेगा.
रॉय चौधरी ने कहा, हालांकि, बीमा धारकों के पास दस्तावेज रहित पॉलिसी से वापस दस्तावेज के रूप में पॉलिसी लेने का विकल्प भी होगा. शेयर बाजार में शेयरों को डिमैट के रूप में रखना अनिवार्य है लेकिन बीमा पॉलिसी के मामले में यह अनिवार्य नहीं होगा. उन्होंने माना कि पूंजी प्रधान बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश बढ़ाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि बीमा क्षेत्र को काफी पूंजी की आवश्यकता है और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश इसका एक स्नेत है.