कोलकाता: सारधा घोटाले के बाद मामले की जांच करने व जमाकर्ताओं की राशि वापस देने के लिए राज्य सरकार तत्पर हो गयी है. आगामी 30 सितंबर को राज्य सरकार की ओर से सारधा कांड के पीड़ितों को राज्य सरकार की ओर से मुआवजा दिया जायेगा. इसके लिए खुदीराम अनुशीलन केंद्र में विशेष कार्यक्रम का आयोजन होगा. जहां मुख्यमंत्री अपने हाथों से पीड़ितों को मुआवजा देंगी.
इसकी जानकारी देते हुए गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बताया कि प्रथम चरण में करीब 1000 पीड़ितों को राज्य सरकार की ओर से मुआवजा दिया जायेगा. इस दिन कुल 50 करोड़ रुपये बांटे जायेंगे. पूजा के बाद दूसरे चरण में पीड़ितों को मुआवजा प्रदान किया जायेगा. दुर्गापूजा तक एक लाख जमाकर्ताओं को मुआवजा की राशि दी जायेगी. वहीं दिवाली के बाद दो नवंबर को तीन से चाल लाख लोगों को मुआवजा की रकम मिल जायेगी.
उन्होंने बताया कि सारधा कांड के पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए राज्य सरकार ने नये राहत कोष का गठन किया है, जिसमें करीब 500 करोड़ रुपये रखे जायेंगे, इस राशि को ही पीड़ितों के बीच वितरित किया जायेगा. यह 500 करोड़ रुपये जुटाने के लिए राज्य सरकार ने सिगरेट व तंबाकू संबंधी उत्पादों पर टैक्स बढ़ा दिया है और यहां से करीब 150 करोड़ रुपये एकत्रित किये गये हैं.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अप्रैल महीने में मुआवजे के तौर पर 500 करोड़ रुपये देने की घोषणा की थी. राज्य सरकार ने इसके लिए 500 करोड़ रुपये जुटाने का काम भी लगभग पूरा कर लिया है.
बताया गया है कि सिगरेट पर टैक्स बढ़ा कर राज्य सरकार ने करीब 150 करोड़ रुपये एकत्रित किये हैं, जबकि शराब की दुकान व देर रात तक बार का लाइसेंस जारी कर 250 करोड़ रुपये जुटाये गये हैं, इसके अलावा अन्य श्रोतों से 100 करोड़ रुपये जुटाये जा रहे हैं. रुपयों को वापस करने की प्रक्रिया को सही प्रकार से लागू करने के लिए प्रधान सचिव स्तर के एक अधिकारी को नियुक्त किया गया है.
जस्टिस श्यामल सेन की कमेटी ने प्रथम चरण में किन-किन लोगों को मुआवजा दिया जायेगा, इसकी संभावित सूची मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंप दिया है. पहले चरण में एक हजार लोगों को चेक के माध्यम से मुआवजा राशि प्रदान की जायेगी, लेकिन किस व्यक्ति को कितना रुपये मिलेगा, अब तक इसका खुलासा नहीं किया गया है. इससे जमाकत्र्ताओं को भी नहीं मालूम कि उनको कितना रुपया मुआवजा मिलेगा. जानकारी के अनुसार, आयोग के पास अब तक करीब 17 लाख लोगों ने अपनी राशि वापस लेने के लिए आवेदन जमा किये हैं. इनमें से करीब 70 फीसदी लोगों की राशि 10 हजार रुपये से कम है. प्रथम चरण में इन लोगों को ही मुआवजा राशि प्रदान की जायेगी.