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मदन तामांग हत्याकांड: गुरुंग सहित 23 गोजमुमो नेताओं के खिलाफ सुनवाई शुरू जेल या बेल, फैसला आज
कोलकाता: अखिल भारतीय गोरखा लीग के पूर्व अध्यक्ष मदन तामांग की हत्या के आरोप में निचली अदालत ने गोरखा जनमुक्ति मोरचा (गोजमुमो) के 23 नेताओं के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. गिरफ्तारी से बचने के लिए गोजमुमो नेताओं ने कलकत्ता हाइकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की है. सोमवार को इस मामले […]
कोलकाता: अखिल भारतीय गोरखा लीग के पूर्व अध्यक्ष मदन तामांग की हत्या के आरोप में निचली अदालत ने गोरखा जनमुक्ति मोरचा (गोजमुमो) के 23 नेताओं के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. गिरफ्तारी से बचने के लिए गोजमुमो नेताओं ने कलकत्ता हाइकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की है. सोमवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट के न्यायाधीश असीम कुमार राय व न्यायाधीश एमएम बनर्जी की डिवीजन बेंच ने सीबीआइ को हत्याकांड से संबंधित सभी केस डायरी को हाइकोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया. केस डायरी की रिपोर्ट देखने के बाद ही हाइकोर्ट अपना फैसला सुनायेगी. मंगलवार को दोपहर दो बजे हाइकोर्ट में मामले की सुनवाई होगी और मंगलवार को ही गोजमुमो नेताओं के भाग्य का फैसला होगा कि उन्हें जेल मिलता है या बेल.
सीबीआइ की ओर से मदन तामांग हत्याकांड में पिछले दिनों चाजर्शीट जमा की गयी थी. इसमें गोजमुमो प्रमुख विमल गुरुंग सहित 23 लोगों के नाम शामिल हैं. इसके बाद सीबीआइ ने मामले के सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की. नगर दायरा अदालत के चीफ जस्टिस गोपाल चंद्र कर्मकार ने सीबीआइ के आवेदन को स्वीकार करते हुए सभी आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया और इस आदेश को 26 जून तक कार्यकर करने का निर्देश दिया है. इस आदेश के बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए गोजमुमो नेताओं ने हाइकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की है.
क्या है मामला
अखिल भारतीय गोरखालीग के अध्यक्ष मदन तामांग 21 मई 2010 को दाजिर्लिंग में आयोजित होनेवाली एक जनसभा की तैयारियों का जायजा लेने वहां जा रहे थे. तभी उनकी हत्या कर दी गयी थी. पहले सीआइडी ने मामले की जांच शुरू की थी, लेकिन सीआइडी की हिरासत से मामले का मुख्य आरोपी निकोल तामांग के फरार होने के बाद जांच का दायित्व सीबीआइ को सौंप दिया गया. सीबीआइ ने फिर से मामले की जांच की और गोजमुमो के वरिष्ठ नेताओं को आरोपी बनाया. जमा चाजर्शीट में गोजमुमो अध्यक्ष विमल गुरुंग सहित 23 लोग शामिल हैं. इनमें गुरुंग की पत्नी आशा गुरुंग, गोजमुमो के कालिंपोंग के विधायक हरका बहादुर छेत्री, सह महासचिव विनय तामांग, गोरखा टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन के चेयरमैन प्रदीप प्रधान, जीटीए के उप मुख्य कार्यकारी करनल रमेश अलाय सहित अन्य आरोपियों के नाम शामिल हैं.
भारती तामांग की तबीयत बिगड़ी
सिलीगुड़ी. मदन तामांग हत्याकांड में आरोपी गोजमुमो नेताओं की गिरफ्तारी की मांग को लेकर अनशन पर बैठीं उनकी पत्नी भारती तामांग की तबीयत बिगड़ने लगी है. अनशन के दूसरे दिन 69 वर्षीय श्रीमती तामांग के ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव होने की खबर है. उसके बाद डॉक्टरों ने उनके स्वास्थ्य की जांच की. इसके साथ ही जिला प्रशासन ने उनसे फिर अनशन खत्म करने की अपील की है. उन्होंने जिला प्रशासन की इस अपील को ठुकरा दिया है. हालांकि अनशन के लिए प्रशासन से उन्हें कोई अनुमति नहीं मिली है, उसके बाद भी सोमवार को दूसरे दिन उनका अनशन जारी रहा. भारती तामांग के इस अनशन के कारण दाजिर्लिंग पर्वतीय क्षेत्र में पुलिस व प्रशासन की चिंता काफी बढ़ गयी है. पुलिस के आला अधिकारी लगातार भारती तामांग के संपर्क में हैं.
रविवार के दिन जब वह अनशन पर बैठी थीं, तब भी पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की थी. इस बीच, विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, रविवार की रात करीब 11 बजे दाजिर्लिंग के डीएम व वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भारती तामांग से मिले और उनसे फिर अनशन खत्म करने का अनुरोध किया. भारती तामांग ने प्रशासन के इस अनुरोध को ठुकरा दिया. प्रशासनिक अधिकारियों ने भारती तामांग के अनशन स्थल तथा उसके आसपास सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने का निर्णय लिया है.
दाजिर्लिंग के डीएम का कहना है कि भारती तामांग ने प्रशासन की किसी अनुमति के बगैर ही अनशन करने का निर्णय लिया है. उनके खिलाफ कानूनी पहलुओं पर भी विचार-विमर्श किया जा रहा है. दूसरी तरफ भारती तामांग ने साफ कह दिया है कि जब तक सीबीआई मदन तामांग के हत्यारों को गिरफ्तार नहीं करती, तब तक वह अपना अनशन खत्म नहीं करेंगी. भारती तामांग के आसपास सीआरपीएफ के जवानों ने घेराबंदी कर रखी है. इसके साथ ही पूरे इलाके में सीआरपीएफ तथा रैफ के जवानों की तैनाती की गयी है. अखिल भारतीय गोरखा लीग सहित गोजमुमो विरोधी अन्य राजनीतिक दलों के समर्थक भी भारी संख्या में अनशन स्थल पर जमे हुए हैं. सभी लोग भारती तामांग को खादा पहना कर उनका स्वागत कर रहे हैं.
कानून अपना काम करेगा
उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव ने एक बार फिर कहा है कि मदन तामांग हत्या मामले में कानून अपना काम करेगा. यह पूरा मामला कोर्ट में विचाराधीन है और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सीबीआइ जांच कर रही है. उन्होंने कहा कि कोर्ट की अपनी एक प्रक्रिया होती है और इसे सभी को मानना चाहिए. वह भारती तामांग द्वारा जारी अनशन पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे. श्री देव ने कहा कि अनशन करके दबाव बनाने की रणनीति नहीं चलेगी. राज्य सरकार के हाथ में कुछ भी नहीं है. नगर दायरा अदालत ने आरोपियों के खिलाफ वारंट जारी किया है और सभीआरोपी हाईकोर्ट के शरण में हैं. ऐसे में हाईकोर्ट के फैसले का सभी को इंतजार करना चाहिए.
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