अगर शुक्रवार को वकील मामले की सुनवाई के दौरान नहीं पहुंचते हैं तो इसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. गुरुवार को उन्होंने सरकारी महाधिवक्ता जयंत मित्र को अपने कार्यालय में बुला कर कहा कि यह क्या बात है कि वकील हाइकोर्ट आ रहे हैं, लेकिन मामले की सुनवाई में नहीं पहुंच रहे. वह हाइकोर्ट में अपने मुवक्किल से मिल रहे हैं, लेकिन उनके कोर्ट में मामले की सुनवाई के लिए नहीं आ रहे. हाइकोर्ट में छुट्टियों के दौरान वैकेशन बेंच पर मामले किये गये थे, आश्चर्य है कि उन मामलों की सुनवाई के लिए भी वकील नहीं पहुंच रहे.
न्यायाधीश असीम कुमार राय ने महाधिवक्ता जयंत मित्र के माध्यम से वकीलों को चेतावनी देते हुए कहा कि जो भी वकील काम नहीं करने की घोषणा के बाद मामला दायर कर रहे हैं और मामले की सुनवाई के दौरान नहीं पहुंच रहे हैं, उनके खिलाफ हाइकोर्ट सख्त कार्रवाई करेगी. इसके साथ ही न्यायाधीश ने कहा कि कई वकील राज्य के विभिन्न थानों से आये केस डायरी को अपनी हिफाजत में रख रहे हैं, उनको याद रहे कि यह सरकारी संपत्ति है. यह किसी की व्यक्तिगत संपत्ति नहीं. इसकी वजह से कानूनी कार्रवाई प्रभावित हो रही है, इसे कतई बरदाश्त नहीं किया जा सकता. इस संबंध में महाधिवक्ता जयंत मित्र ने कहा कि यह हमारे लिए दुर्भाग्यजनक है. वह इस प्रकार की काम नहीं करने की प्रवृति को वह समर्थन नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में बार एसोसिएशन से बातचीत करेंगे.