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उच्च माध्यमिक के नतीजे घोषित, बढ़ा पास प्रतिशत

कोलकाता : इस वर्ष के उच्च माध्यमिक (एचएस) के नतीजों की घोषणा कर दी गयी है. पश्चिम बंगाल उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद की अध्यक्ष महुआ दास ने शुक्रवार को इसकी घोषणा करते हुए बताया कि इस बार पास प्रतिशत बढ़ा है. गत वर्ष जहां पास प्रतिशत 78.42 था, वहीं इस बार यह 82.38 फीसदी रहा. […]

कोलकाता : इस वर्ष के उच्च माध्यमिक (एचएस) के नतीजों की घोषणा कर दी गयी है. पश्चिम बंगाल उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद की अध्यक्ष महुआ दास ने शुक्रवार को इसकी घोषणा करते हुए बताया कि इस बार पास प्रतिशत बढ़ा है. गत वर्ष जहां पास प्रतिशत 78.42 था, वहीं इस बार यह 82.38 फीसदी रहा. यानी गत वर्ष से 3.96 फीसदी अधिक है.
इस वर्ष नरेंद्रपुर रामकृष्ण मिशन के विद्यार्थियों ने बाजी मारी है. इस बार परिषद की ओर से टॉप 10 रहे परीक्षार्थियों के नामों की घोषणा की गयी है. इनमें कुल 35 परीक्षार्थी हैं. इनमें से 19 नरेंद्रपुर रामकृष्ण मिशन के हैं. पहले चार स्थानों पर भी यहीं के छात्र हैं. यहां का विल्लवशिव बसु मल्लिक 496 अंकों के साथ टॉपर रहा. उसे 99.2 फीसदी अंक मिले हैं.
दूसरे स्थान पर इसी स्कूल का मनिरुल मंडल है. उसे 491 अंक यानी 98.2 फीसदी मिला है. तीसरे स्थान पर नरेंद्रपुर रामकृष्ण मिशन का ही मृण्मय राय है. उसे 489 यानी 97.8 फीसदी मिला है. चौथे स्थान पर पवित्र प्रमाणिक, आकाश दासगुप्ता और अमिनुल अहसान हैं. इन सभी को 487 अंक मिले हैं. इनमें पवित्र व आकाश नरेंद्रपुर रामकृष्ण मिशन के ही हैं. लड़कियों में पहला स्थान रिखिया भुक्त ने हासिल किया है. वह आरामबाग गल्र्स हाइस्कूल की छात्र है. उसे 483 अंक मिले हैं. मेधा सूची में वह आठवें स्थान पर है.
इस बार लड़कों ने मारी बाजी
परिषद की ओर बताया गया कि इस वर्ष मल्टीपल च्वायस क्वेश्चन व लघु उत्तरीय प्रश्न होने के कारण परीक्षार्थियों को अधिक अंक हासिल करने में आसानी हो सकी. जिन्होंने पाठय़ पुस्तकों का भली-भांति अध्ययन किया, उन्हें अधिक नंबर मिले हैं.
इस वर्ष परीक्षा पूरे होने के 58 दिनों के बाद नतीजों की घोषणा कर दी गयी. इस वर्ष पूरी तरह नये सिलेबस व एमसीक्यू व एसएक्यू आधारित प्रश्न थे. इस वर्ष कुल छह लाख 62 हजार 565 परीक्षार्थी थे. इस वर्ष लड़कों ने लड़कियों से बाजी मार ली है. जहां कुल 82.96 फीसदी छात्र पास हुए, वहीं छात्राओं का पास प्रतिशत 81.80 प्रतिशत रहा. गत वर्ष जहां 69.87 फीसदी अल्पसंख्यक छात्र-छात्राएं उत्तीर्ण हुए थे, इस बार यह बढ़कर 78.4 फीसदी हो गया है.
77.29 फीसदी अनुसूचित जाति व जनजाति के परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए हैं. इस वर्ष लिखित परीक्षा 13 मार्च से 30 मार्च तक हुई. 90 से 100 फीसदी यानी ओ ग्रेड पानेवाले परीक्षार्थियों की तादाद 2,710 रही, जबकि गत वर्ष यह 710 था. 80-89 फीसदी यानी ए+ ग्रेड पानेवालों की तादाद 31 हजार 521 रही. 70-79 यानी ए ग्रेड कुल 80 हजार 326 विद्यार्थियों को मिला है. 60-69 फीसदी यानी बी+ ग्रेड पानेवालों की तादाद एक लाख 20 हजार 703 रही. हर विषय में इस बार 20 नंबर प्रोजेक्ट के लिए निर्धारित था.

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