वह बालुरघाट में संदिग्ध हालत में घुम रही थी. इसके बाद सेफ कस्टडी के माध्यम से उसी दिन उसे मालदा के सरकारी महिला आवासन में भेज दिया गया था. तभी से हसना बानु मालदा शहर के मनोस्कामना रोड स्थित समाज कल्याण विभाग के सरकारी महिला आवासन में रह रही थी. जिला प्रशासन सूत्रों के अनुसार, बीते 19 मई को हसना बानु अचानक बीमार पड़ गयी थी. उसे मालदा मेडिकल कॉलेज में भरती कराया गया, जहां शुक्रवार शाम को उसकी मौत हो गयी.
दूसरी ओर, होम प्रबंधन के खिलाफ आवासिकों को नियमित रूप से पोषणयुक्त खाद्य सामग्री नहीं देने का आरोप लगा है. गणतांत्रिक अधिकार रक्षा समिति के जिला सचिव जीष्णु रायचौधरी ने बताया कि कुपोषण के कारण ही इस तरह की बीमारी होती है. इस बीमारी के नि:शुल्क इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज में टीबी विभाग है. सरकारी होम में आवासिकों के अच्छे खान-पान के लिए लाखों रुपये आवंटित किये गये है, लेकिन उन्हें पोषणयुक्त आहार नहीं दिया जा रहा है. इसलिए होम में रहने वाले बीमार पड़ रहे हैं. यहां का प्रबंधन पूरी तरह से लापरवाह है,नहीं तो आज के जमाने में टीबी से किसी की मौत नहीं होती है. अतिरिक्त जिला शासक देवतोष मंडल ने बताया कि चिकित्सकों के रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी आवासन की महिला की मौत टीबी से हुई है. शव का पोस्टमार्टम किया जा रहा है. पूरे मामले की जांच की जा रही है.