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पूर्व उपमेयर फरजाना आलम के निजी सहायक ने थाने में शिकायत देकर की मांग, तृणमूल नेता के खिलाफ हत्या का केस दर्ज हो
कोलकाता: कोलकाता नगर निगम की पूर्व उपमेयर फरजाना आलम की मौत के मामले में पुलिस को शिकायत पत्र देकर हत्या का नामजद मुकदमा दर्ज करने की मांग की गयी है. फरजाना के परिवार की तरफ से करया थाने में शिकायत पत्र देकर क्षेत्र के तृणमूल कांग्रेस नेता माखन लाल दास और उनके सहयोगियों के खिलाफ […]
कोलकाता: कोलकाता नगर निगम की पूर्व उपमेयर फरजाना आलम की मौत के मामले में पुलिस को शिकायत पत्र देकर हत्या का नामजद मुकदमा दर्ज करने की मांग की गयी है. फरजाना के परिवार की तरफ से करया थाने में शिकायत पत्र देकर क्षेत्र के तृणमूल कांग्रेस नेता माखन लाल दास और उनके सहयोगियों के खिलाफ आइपीसी की धारा 302 (हत्या) और 354बी (किसी व्यक्ति द्वारा महिला पर बल प्रयोग करना) के तहत मुकदमा दर्ज करने की मांग की गयी है. गौरतलब है कि 30 अप्रैल को अपनी ही पार्टी के एक गुट के कथित हमले में घायल पूर्व डिप्टी मेयर फरजाना आलम का 11 मई को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था.
परिवार के सदस्यों का क्या है आरोप
पुलिस को सुपुर्द शिकायत के संबंध में फरजाना आलम के निजी सहायक अम्मान अहमद ने बताया कि कोलकाता नगर निगम चुनाव के पहले फरजाना पूरी तरह से स्वस्थ थीं. दिन भर अपने समर्थकों के साथ उन्होंने चुनाव प्रचार किया था. चुनाव के बाद 30 अप्रैल को वाम मोरचा और भाजपा की हड़ताल के दौरान इलाके के तृणमूल नेता माखन लाल दास व उनके सहयोगियों ने विवाद में फरजाना पर हमला किया और उनकी पिटाई की. इसके बाद से अस्पताल में भरती होने के बाद भी वह शारीरिक व मानसिक तौर पर काफी तनाव में आ गयी थीं. इसके कारण उनकी तबीयत बीच में ठीक होने के बाद फिर बिगड़ती चली गयी. 11 मई को उनकी मौत हो गयी. अम्मान अहमद का कहना है कि उन्होंने 30 अप्रैल की घटना के बाद थाने में दर्ज प्राथमिकी में आइपीसी की धारा 302 और 354बी को जोड़ने का आवेदन थाने में दिया है. पूर्व डिप्टी मेयर के परिवार का मानना है कि 30 अप्रैल की घटना के कारण ही फरजाना की मौत हुई है. लिहाजा उस घटना से जुड़े लोग ही फरजाना की मौत के लिए जिम्मेदार हैं.
क्या कहते हैं तृणमूल नेता माखन लाल दास
वहीं अपने ऊपर लगे आरोप को लेकर इलाके के तृणमूल नेता माखन लाल दास का कहना है कि चुनाव में जिन लोगों के साथ फरजाना प्रचार कर रही थीं और जिनसे जुड़ी थीं, चुनाव में हारने के बाद से वही लोग उन्हें परेशान कर रहे थे. अपने वार्ड में 64 में से 60 मतदान केंद्रों पर उन्हें करारी हार मिली थी. इसके कारण उनके पांच वर्ष का रुतबा उनसे छिन जाने का गम उनकी परेशानी बनी थी. 30 अप्रैल की घटना को उछाल कर इलाके के कुछ प्रभावशाली लोग इसका फायदा उठाना चाह रहे हैं. उनके खिलाफ जो शिकायत थाने में दर्ज हुई है, उस संबंध में जितनी बार भी पुलिस उन्हें पूछताछ के लिए थाने बुलायेगी, वह पुलिस की मदद करेंगे.
क्या कहती है पुलिस
इस संबंध में करया थाने के अधिकारियों का कहना है कि एफआइआर अदालत की प्रॉपर्टी है. लिहाजा अदालत को इस शिकायत के बारे में सूचित करेंगे. अदालत का जो भी निर्देश होगा, उसी मुताबिक पुलिस कार्रवाई करेगी.
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