जलपाईगुड़ी : भूकंप से जलपाईगुड़ी केंद्रीय संशोधनागर में काफी क्षति हुई है. कई स्टाफ क्वार्टर भी भूकंप से क्षतिग्रस्त हो गये हैं. कैदियों को दूसरे स्थान पर ले जाया गया है. जलपाईगुड़ी केंद्रीय संशोधनागार के नये भवन से करीब 400 कैदियों को दूसरी जगह स्थानांतरित कर दिया गया है. वर्ष 2010 में जलपाईगुड़ी केंद्रीय संशोधनागार के नये भवन का उदघाटन हुआ था. नये दो मंजीले भवन में 20 वार्ड हैं, जिसमें भूकंप के कारण दरारें आ गयी हैं.
जानकारी के अनुसार, नये भवन के वार्ड नंबर 17, 18, 19 व 20 में दरारें आ गयी हैं. यहां पर किसी को नहीं रखने की हिदायत दी गयी है. लोक निर्माण विभाग की ओर से जल्द क्षतिग्रस्त वार्डो की मरम्मत कर दिये जाने का आश्वासन दिया गया है. मानवीयता के आधार पर भूकंप के दौरान कैदियों को थोड़ी राहत दी जा रही है. भूकंप के बाद कैदियों को कुछ देर के लिए खुले आसमान के नीचे रखा जा रहा है. साथ ही भूकंप के दौरान जल्द से जल्द कैदियों को वार्ड से निकालने की व्यवस्थ की जा रही है. सुरक्षा कर्मचारियों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है. जेल विभाग के मुख्य सचिव शिवाजी घोष गुरुवार को जलपाईगुड़ी सेंट्रल जेल का जायजा लेने आये. उनके साथ सेंट्रल जेल के जलपाईगुड़ी सेक्टर के डीआइजी सीएस लेप्चा, पुलिस अधीक्षक आभारू रवींद्रनाथ शामिल थे. मुख्य सचिव शिवाजी घोष ने भूकंप से क्षतिग्रस्त जेल के वार्डो का जायजा लिया.
मंगलवार को भूकंप के कारण जेल के नये भवन के कई वार्डो में दरारें आ गयी हैं. संवाददाताओं से बातचीत के दौरान शिवाजी घोष ने बताया कि वह रूटीन दौरे पर आये हैं. भूकंप से संशोधनागार के कई हिस्से क्षतिग्रस्त हो गये हैं. क्षतिग्रस्त हिस्सों की मरम्मत की जायेगी. भूकंप के दौरान संशोधनागार के भीतर कैसे क्या करना चाहिए, इस बारे में उन्होंने जेल प्रबंधन को कुछ निर्देश दिये हैं. संशोधनागार के कैदियों को बार-बार पीटने की घटना व हाल ही में एक विचाराधीन कैदी के जेल प्रबंधन द्वारा बेरहमी से पीट कर घायल कर दिये जाने के बारे में मीडियाद्वारा पूछे जाने पर घोष ने बताया कि इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने इस मामले की जांच का आश्वासन दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि जलपाईगुड़ी केंद्रीय संशोधनागार का बुनियादी विकास कैसे किया जा सकता है, इस बारे में विचार-विमर्श किया जा रहा है.