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आदर्श स्टेशन मिशन के प्रति सांसद उदासीन
कोलकाता: पश्चिम बंगाल के अधिकतर सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदर्श स्टेशन मिशन से किनारा किये हुए हैं. प्रधानमंत्री ने रेलवे स्टेशनों को स्वच्छ बनाने के लिए सांसदों से अपनी निधि से राशि खर्च करने की अपील की थी. पर, जमीनी हकीकत यह है कि राज्य के दो सांसदों बाबुल सुप्रियो और सुदीप बंद्योपाध्याय को […]
कोलकाता: पश्चिम बंगाल के अधिकतर सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदर्श स्टेशन मिशन से किनारा किये हुए हैं. प्रधानमंत्री ने रेलवे स्टेशनों को स्वच्छ बनाने के लिए सांसदों से अपनी निधि से राशि खर्च करने की अपील की थी. पर, जमीनी हकीकत यह है कि राज्य के दो सांसदों बाबुल सुप्रियो और सुदीप बंद्योपाध्याय को छोड़ अन्य किसी सांसद ने इसमें रु चि नहीं दिखायी है. इस कारण आदर्श स्टेशन मिशन आगे नहीं बढ़ पा रहा है.
पूर्व रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी रवि महापात्र ने बताया कि पूर्व रेलवे क्षेत्र में पड़नेवाले अधिकतर सांसदों को आदर्श स्टेशन मिशन के तहत सांसद निधि से राशि खर्च करने का अनुरोध पत्र भेजा गया है, लेकिन अभी तक तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय और आसनसोल से भाजपा के सांसद और केंद्रीय शहरी विकास राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने पूर्व रेलवे के पत्र का जबाब देकर यात्री सुविधाओं के लिए अपने सांसद निधि से फंड देने पर सहमति जतायी है. केंद्रीय शहरी विकास राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने बताया कि उन्होंने अपने फंड से पांच करोड़ रुपये आदर्श स्टेशन मिशन के लिए दिये हैं. मैंने देखा है कि आसनसोल स्टेशन पर यात्रियों को बैठने की व्यवस्था पर्याप्त नहीं है, लिहाजा उन्होंने स्टेशन प्रशासन से आग्रह किया है कि वह उनके फंड से यात्रियों के बैठने की मुकम्मल व्यवस्था करे. उन्होंने कहा कि वैसे ममता बनर्जी को भी भारी बहुमत से विजयी होकर प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी का सम्मान करते हुए उनकी योजनाओं को गंभीरता से लेना चाहिए. उन्होंने आदर्श स्टेशन मिशन के प्रति राज्य की सत्ताधारी पार्टी के सांसदों के उदासीन रवैये पर दुख जताया.
हालांकि सूत्रों की मानें, तो तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने अपने लोकसभा क्षेत्र में पड़नेवाले सियालदह रेलवे स्टेशन की बेहतरी के लिए अपनी सांसद निधि से राशि खर्च करने की पेशकश पूर्व रेलवे के सामने रखी है. वह इस स्टेशन पर यात्री सुविधाओं, साफ-सफाई और पेयजल की बेहतर सुविधा के लिए काम कराने को इच्छा जता चुके हैं.
हावड़ा मंडल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हावड़ा स्टेशन के आसपास के इलाके हावड़ा नगर निगम के अंतर्गत आते हैं. थोड़ी से वर्षा होने पर स्टेशन के आसापास जलजमाव हो जाता है. रेल पटरियां भी पानी में डूब जाती हैं. इससे रेल सेवा बाधित हो जाती है. ऐसी हालत में सांसद से लेकर इलाके के पार्षद तक इसके लिए रेलवे को दोषी ठहराते हैं, लेकिन जब उन्हें आदर्श स्टेशन जैसी योजना के तहत अपने इलाके के स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं की बेहतरी के लिए कार्य करने का मौका मिलता है, तो वे मुंह मोड लेते हैं. पूर्व रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी रवि महापात्र ने बताया कि एमपी फंड से राशि देनेवाले सांसद अपनी पसंद के स्टेशन चुन सकते हैं. इसके साथ ही वहां कौन सा कार्य हो, इसका फैसला भी सांसद खुद करेंगे. आदर्श स्टेशन योजना के तहत राशि देनेवाले सांसद का बोर्ड भी स्टेशन पर लगाया जायेगा.
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