कोलकाता : बच्चे ही कल का भविष्य हैं. इनके विकास के लिए सिर्फ किताबी ज्ञान ही काफी नहीं, उनके संपूर्ण व्यक्तित्व का भी विकास करना होगा. इसके लिए राज्य सरकार ने पाठय़क्रम में चित्रकारी, खेलकूद व गायन को भी प्राथमिकता दी है.
शिक्षा ऐसी होनी चाहिए, जो तनाव मुक्त हो. गुरुवार को शिक्षक दिवस पर नेताजी इनडोर स्टेडियम में आयोजित एक कार्यक्रम में राज्य में ऐसी ही शिक्षा शुरू करने का दावा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने किया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के विकास के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम करना होगा. बहुत जल्द चार–पांच विशेषज्ञों के सहयोग से एजुकेशन कमीशन का गठन होगा. प्रतिस्पर्धा के इस दौर में बच्चे कैसे आगे बढ़ेंगे और सफल होंगे, इस पर कमीशन विशेष काम करेगा.
शिक्षकों व अभिभावकों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केवल किताबों का बोझ बढ़ाने से बच्चे स्पोंडेलाइसीस के शिकार हो जायेंगे. शिक्षा तभी सार्थक होगी, जब बच्चे खुले मन से अभिव्यक्ति करेंगे. शिक्षा मानसिक तनाव से मुक्त होगी. तनाव मुक्त शिक्षा ही हमारा लक्ष्य है. इसके लिए ही पाठ्यक्रम में बदलाव होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए शिक्षकों को समर्पण, अनुशासन व दृढ़ संकल्प के साथ काम करना होगा.
चरित्र–निर्माण में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका
मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्या सर्वत्र पूजी जाती है. केवल शिक्षक दिवस पर ही नहीं,हर दिन शिक्षकों को सम्मानित करना चाहिए. अभिभावक बच्चों को जन्म देते हैं, लेकिन चरित्र निर्माण में शिक्षकों की बड़ी भूमिका है.