इन शौचालयों के लिए राशि केंद्र, राज्य, यूनीसेफ, सीएसआर गतिविधि व लाभार्थी की ओर से भी दी जाती है. राज्य सरकार की ओर से पानी की भी व्यवस्था की जाती है. हर शौचालय के लिए 12 हजार रुपये का खर्च आता है. श्री मुखर्जी ने कहा कि विकास के काम को जारी रखना प्रमुख है. शौचालयों का इस्तेमाल होता रहे और कोई नित्य कर्म के लिए बाहर न जाये, यह जरूरी है.
उन्होंने यह भी बताया कि नदिया के बाद हुगली और बर्दवान भी पूर्ण शौचालय की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. ड्रॉप आउट न हो, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए. राज्य सरकार की ओर से शौचालयों की जरूरत की दिशा में जागरूकता अभियान भी शुरू किया गया है. नदिया के डीएम पीबी सलीम ने बताया कि पूर्ण स्वच्छता हासिल करने के लिए हर किसी की मदद ली गयी है. धार्मिक नेताओं से लेकर मोहल्ला कमेटियों की मदद ली गयी. जागरूकता अभियान भी चलाया गया. 30 अप्रैल को राज्य की मुख्यमंत्री कृष्णनगर में नदिया जिले को मिशन निर्मल बांग्ला के तहत पुरस्कृत करेंगी.